Sarkari Naukri: बिहार के युवाओं के पास IMD में नौकरी पाने का मौका, आज आवेदन की अंतिम तिथि Bihar Gyan Post : महज 20 रुपये में देशभर में भेजें किताबें , डाकघर में शुरू हुई 'ज्ञान पोस्ट' सेवा; जानिए कैसे करें बुकिंग Bihar Traffic Rules: बिहार में गाड़ी चलाते समय यह गलती करवा देगी लाइसेंस रद्द, 10 हजार चालकों पर गाज गिराने की तैयारी Bihar Board : बिहार बोर्ड को मिला तीन ISO प्रमाणपत्र, देश का पहला बोर्ड बना; जानिए क्या है इससे फायदा IPL Jobs: आईपीएल में नौकरी पाने का यह है सबसे आसान तरीका, जानें वैकेंसी से लेकर योग्यता तक की हर डिटेल.. Electricity Bill : गलत बिजली बिल से मिलेगी छुटकारा, बदली जा रही है मीटर रीडिंग व्यवस्था; विभाग ने लिया बड़ा फैसला Tirhut Graduate MLC : MLC बंशीधर बृजवासी की गाड़ी का एक्सीडेंट, जानेलवा हमले का लगाया आरोप,कहा -गनीमत था की मैं ... Bihar Vidhan Sabha : बिहार विधानसभा में 19 समितियों का गठन, भाई वीरेंद्र को अहम जिम्मेदारी; पूर्व मंत्रियों को भी सौंपी गई कमान Bihar weather : बिहार में बर्फीली हवाओं का असर बरकरार, तापमान में गिरावट से बढ़ी ठिठुरन पुलिस की चौकसी पर उठा सवाल: मुजफ्फरपुर में लग्जरी कार सवार बदमाशों का दुस्साहस देखिये, गैस कटर से SBI ATM काटकर 25 लाख उड़ाए
25-May-2025 10:48 AM
By First Bihar
Bihar Teacher News: बिहार के औरंगाबाद जिले के रफीगंज स्थित रानी ब्रजराज इंटर विद्यालय में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ विद्यालय के शिक्षक भुवन कुमार गुप्ता द्वारा कथित रूप से झारखंड के जमशेदपुर से फर्जी उपस्थिति दर्ज की गई। इस गड़बड़ी का खुलासा तब हुआ जब शिक्षा विभाग द्वारा ई-शिक्षा कोष एप पर शिक्षकों की उपस्थिति की ऑनलाइन समीक्षा की जा रही थी।
शिक्षा विभाग के निर्देशों के अनुसार, सभी सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को प्रतिदिन विद्यालय परिसर से ही अपनी उपस्थिति ई-शिक्षा कोष एप के माध्यम से दर्ज करनी होती है। यदि किसी शिक्षक को विभागीय कार्य हेतु प्रतिनियुक्त किया गया हो, तो उन्हें केवल “मार्क ऑन ड्यूटी” विकल्प का चयन कर प्रतिनियुक्ति स्थल से उपस्थिति बनानी होती है। लेकिन शिक्षक भुवन कुमार गुप्ता द्वारा 5 और 19 मई, 2025 की उपस्थिति विद्यालय से लगभग 273 किलोमीटर दूर स्थित जमशेदपुर से दर्ज की गई, जबकि वह किसी अधिकृत प्रतिनियुक्ति पर नहीं थे।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ), प्राथमिक शिक्षा एवं समग्र शिक्षा द्वारा इसे अनुशासनहीनता और सरकारी सेवा में लापरवाही माना गया है। डीपीओ ने शिक्षक से 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश जारी किया है और यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि यह कृत्य विभागीय कदाचार एवं धोखाधड़ी क्यों न माना जाए। यदि संतोषजनक उत्तर नहीं मिलता, तो शिक्षक के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
विभाग ने यह भी बताया कि इस तरह के फर्जी उपस्थिति के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, और सरकार अब इन्हें लेकर सख्ती बरत रही है। इस तरह की घटनाएं शैक्षणिक व्यवस्था की पारदर्शिता और अनुशासन पर प्रश्नचिह्न खड़े करती हैं। अधिकारी यह पता लगाने में जुटे हैं कि आखिर किस परिस्थिति में शिक्षक ने विद्यालय के बाहर रहते हुए भी “ड्यूटी पर” उपस्थिति दर्ज की।
इस प्रकरण से यह स्पष्ट है कि सरकार द्वारा लागू की गई ई-हाजिरी प्रणाली का दुरुपयोग अब अधिकारियों की निगरानी में है, और इस पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। शिक्षा विभाग ने संकेत दिए हैं कि भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए सख्त तकनीकी निगरानी और नियंत्रण उपाय भी अपनाए जाएंगे।