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30-Jan-2025 08:37 PM
PATNA: बिहार में क्रिकेट को गर्त में मिलाने का ये मामला करीब तीन साल पुराना है लेकिन बेहद घिनौना है. रणजी ट्रॉफी के मैच में शतक लगा कर बिहार क्रिकेट टीम के उप कप्तान को अगले मैच में अचानक टीम से बाहर कर दिया गया. सिर्फ उप कप्तान ही नहीं बल्कि टीम के सात प्लेयर को एक साथ बाहर किया गया. बिहार की टीम अरूणाचल प्रदेश जैसी बेहद कमजोर टीम से अगला मैच शर्मनाक तरीके से हार गयी. अहम बात समझिये कि इसी मैच में बिहार टीम को हराकर अरूणाचल प्रदेश ने क्रिकेट इतिहास में अपनी पहली जीत हासिल की.
अब इस सारे खेल का खुलासा हो रहा है. बिहार क्रिकेट टीम के पूर्व उप कप्तान ने आरोप लगाया है कि खुद को ICC के अध्यक्ष जय शाह का बेहद करीबी और चाचा बताने वाले बिहार क्रिकेट एसोसियेशन(BCA) के अध्यक्ष और बीजेपी नेता राकेश कुमार तिवारी ने मैच फिक्सिंग का ऐसा खेल खेला था, जिसे जानकर खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों के होश उड़ जायेंगे. आरोप ये है कि राकेश तिवारी ने खिलाड़ियों से कहा कि उन्हें जय शाह से निर्देश मिला है कि मैच फिक्सिंग करना है. जिस खिलाड़ी ने इसे नहीं माना उसका करियर खत्म कर दिया जायेगा.
बिहार में मैच फिक्सिंग की शर्मनाक गाथा
मैच फिक्सिंग की ये शर्मनाक और हैरान कर देने वाली कहानी बिहार क्रिकेट टीम के पूर्व उप कप्तान यशस्वी ऋषभ के जरिये सामने आयी है. यशस्वी बता रहे हैं कि BCA के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने मैच फिक्सिंग में साझेदार बनने का निर्देश दिया था, जिसे ना मानने की सजा सिर्फ उन्हें ही नहीं बल्कि दूसरे खिलाड़ियों को भी मिली. उऩ सबका क्रिकेट कैरियर बर्बाद हो गया. खुद को BCCI के पूर्व सचिव और फिलहाल ICC के अध्यक्ष जय शाह का चाचा करार देने वाले राकेश कुमार तिवारी का रसूख ऐसा है कि इन सारे खिलाड़ियों की सारी गुहार बेकार चली गयी.
बीसीसीआई को लीगल नोटिस भेजा
बिहार क्रिकेट टीम के पूर्व उप कप्तान यशस्वी ऋषभ ने देश में क्रिकेट की गतिविधियां संचालित करने वाले BCCI के सचिव को लीगल नोटिस भेजा है. इस नोटिस में यशस्वी ने अपने साथ हुए सारे वाकयों की जानकारी देते हुए मामले की जांच कराने और कार्रवाई करने की गुहार लगायी है.
ऐसे हुई थी मैच फिक्सिंग
यशस्वी ऋषभ क्रिकेट सीजन 2021-22 में सैयद मुश्ताक ट्रॉफी और रणजी ट्रॉफी में बिहार क्रिकेट टीम के उप कप्तान थे. बीसीसीआई को भेजे गये लीगल नोटिस में यशस्वी ने कहा है कि उस सत्र में सिक्किम के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के मैच में उन्होंने 112 रनों की नाबाद पारी खेली. उनकी इस बेहतरीन पारी के कारण बिहार टीम की निश्चित लग रही हार टल गयी और मैच ड्रॉ हो गया.
प्रोटोकॉल तोड़कर टीम के होटल पहुंचे राकेश तिवारी
यशस्वी ऋषभ की ओर से बीसीसीआई को भेजे गये लीगल नोटिस में कहा गया है कि 2021-22 के रणजी ट्रॉफी सत्र में सिक्किम टीम से मैच के बाद बिहार का मुकाबला अरूणाचल प्रदेश के साथ होना था. ये मैच कोलकाता में होने वाला था. वो दौर कोविड का था और खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए बायो-बबल बनाया गया था. यानि खिलाड़ियों को अपने टीम के साथियों और सपोर्टिंग स्टाफ के अलावा किसी और के संपर्क में नहीं था.
लीगल नोटिस के मुताबिक अरूणाचल प्रदेश से मैच से पहले 6 फरवरी 2022 को बिहार क्रिकेट एसोसियेशन के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी और एसोसियेशन के सीईओ मनीष राज कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ा कर कोलकाता के होटल प्राइड प्लाजा में पहुंच गये. इसी होटल में बिहार क्रिकेट टीम के सदस्य रूके हुए थे.
मैच हारो या बाहर जाओ
बिहार क्रिकेट टीम के पूर्व उप कप्तान यशस्वी ऋषभ के मुताबिक राकेश कुमार तिवारी औऱ मनीष राज का वहां पहुंचने का एक ही मकसद था. अरूणाचल प्रदेश के साथ होने वाले अगले मैच में बिहार टीम की हार सुनिश्चित करना. दोनों ने पूरी टीम पर अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ जान बूझकर हारने का दबाव बनाया. राकेश तिवारी का साफ कहना था कि या तो अगले मैच में हारने की गारंटी दो या फिर टीम से बाहर हो जाओ.
य़शस्वी ऋषभ ने अपने लीगल नोटिस में कहा है कि उन्होंने बिहार क्रिकेट एसोसियेशन के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी के इस अनैतिक आदेश को मानने से साफ इंकार कर दिया. इसके बाद राकेश तिवारी और बीसीए के सीईओ ने उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की सीधी धमकी दी. यशस्वी ने ये सारी जानकारी फोन से अपने पिता को दी. यशस्वी ऋषभ के पिता ने उसी शाम राकेश कुमार तिवारी को फोन किया. यशस्वी के पिता और राकेश तिवारी के बीच लंबी बातचीत हुई. इस दौरान, राकेश तिवारी बार-बार ये कहते रहे कि अरूणाचल के मैच तो हारना ही प़ड़ेगा.
जय शाह के निर्देश पर फिक्सिंग!
क्रिकेटर य़शस्वी ऋषभ ने बीसीसीआई को भेजे गये लीगल नोटिस में कहा है कि राकेश तिवारी ने उनके पिता से साफ कहा कि अगर मेरी बात नहीं मानी गयी तो आपके बेटे का क्रिकेट करियर तबाह कर को समाप्त कर देंगे. राकेश तिवारी ने कहा कि ये सारा काम वे बीसीसीआई के तत्कालीन सचिव जय शाह के निर्देश पर कर रहे थे.
मैच फिक्सिंग न करने की सजा
यशस्वी ऋषभ ने अपने लीगल नोटिस में कहा है कि मैच फिक्सिंग के प्रस्ताव से इनकार करने की सजा मिली. पिछले मैच में नाबाद शतक लगा कर बिहार टीम को हार से बचाने वाले यशस्वी समेत सात अन्य खिलाड़ियों को अगले ही मैच में टीम से बाहर कर दिया गया. बीसीए ने उसी दिन बिहार क्रिकेट टीम के मुख्य कोच को भी हटा दिया. यशस्वी के मुताबिक मुख्य कोच को भी इस कारण हटाया गया, क्योंकि उन्होंने भी इस अनैतिक काम में शामिल होने से मना कर दिया था.
अरूणाचल टीम क्रिकेट इतिहास में पहली बार जीत गयी
इस पूरे प्रकरण का रिजल्ट सामने आय़ा. अरूणाचल प्रदेश ने बिहार को हरा दिया औऱ क्रिकेट इतिहास में अपनी पहली जीत हासिल कर लिया. यशस्वी ऋषभ ने अपने लीगल नोटिस में कहा है कि अरूणाचल प्रदेश से बिहार की शर्मनाक हार के बाद मैच फिक्सिंग की शिकायत हुई. बिहार के मुजफ्फरपुर जिला क्रिकेट संघ ने मैच फिक्सिंग की शिकायत सीआईडी, कोलकाता को भेजी, लेकिन जिन पर आरोप लगा वे इतने प्रभावशाली थे कि पूरा मामला ही दबा दिया गया.
तबाह हो गया यशस्वी का करियर
2022 के जनवरी की इस घटना के बाद यशस्वी ऋषण को बिहार क्रिकेट टीम की सारी चयन प्रक्रिया और ट्रायल कैंपों से बाहर रखा गया है. बीसीसीआई ने उन्हें नेशनल क्रिकेट अकादमी (NCA) में विशेष प्रशिक्षण के लिए भेजने की अनुशंसा की थी. लेकिन बीसीए अधिकारियों ने इस जानकारी को छिपा लिया और उनके वहां भेजने के लिए अवैध पैसे की मांग की. हालांकि, एक एनसीए कोच के हस्तक्षेप के बाद, कुछ दिनों की देरी से उन्हें शिविर में शामिल होने का मौका मिला.
लगातार अवैध वसूली कर रहे हैं राकेश तिवारी
यशस्वी की ओर से बीसीसीआई को भेजे गये लीगल नोटिस में कहा गया है कि राकेश कुमार तिवारी बीसीसीआई के तत्कालीन सचिव जय शाह और भ्रष्टाचार निरोधक प्रकोष्ठ के प्रमुख से अपने घनिष्ठ संबंधों का हवाला देते हुए, लगातार अवैध धन की वसूली कर रहे हैं. जिस खिलाड़ी ने उन्हें पैसे देने से इंकार किया, उसका करियर बर्बाद हो जा रहा है.
यशस्वी ने कहा है कि बिहार क्रिकेट की सेलेक्शन कमेटी ने उन्हें बिहार क्रिकेट टीम का कैप्टन चुना था लेकिन बीसीए ने मैच में शामिल होने के लिए उन्हें हवाई टिकट नहीं दिया. बीसीए ने बिना उचित प्रक्रिया अपनाए एक अलग टीम बना दी और जिसे कैप्टन चुना गया था उसे ही टीम से बाहर कर दिया.
यशस्वी ऋषभ ने इस सारे प्रकरण की जानकारी बीसीसीआई के पूर्व सचिव जय शाह, बीसीसीआई के जीएम (ऑपरेशन्स), जीएम (डोमेस्टिक क्रिकेट) को कई बार दिया. लेकिन बीसीसीआई ने कोई कार्रवाई नहीं की. यशस्वी का क्रिकेट करियर इस तरह तबाह किया गया कि उन्होंने बीसीए अधिकारियों को अन्य राज्यों के लिए खेलने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) जारी करने और आईपीएल नीलामी लिंक देने का अनुरोध किया, लेकिन उनके सभी अनुरोध का कोई जवाब नहीं दिया गया.
क्रिकेट यशस्वी ऋषभ ने बीसीसीआई के मौजूदा सचिव को भेजे गये नोटिस में बीसीए के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी और सीईओ मनीष राज पर लगे सारे आरोपों की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि मैच फिक्सिंग की जांच सही तरीके से करायी जाये. बीसीए के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी जिस तरह से खिलाडिय़ों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं उसे रोकने के लिए एक स्वतंत्र चयन समिति को बिहार भेजकर खिलाड़ियों का निष्पक्ष चयन सुनिश्चित किया जाए. इसके साथ ही बीसीए को लेकर पटना उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए बीसीए में पारदर्शिता लागू किया जाए.