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रवि प्रदोष व्रत 09 फरवरी 2025: भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए करें यह विशेष अभिषेक

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को यह व्रत रखा जाता है। जब यह व्रत रविवार को पड़ता है, तो इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाता है, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 03 Feb 2025 06:51:08 PM IST

Ravi Pradosh Vrat

Ravi Pradosh Vrat - फ़ोटो Ravi Pradosh Vrat

Ravi Pradosh Vrat: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। इस बार 09 फरवरी 2025, रविवार को रवि प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने और विशेष अभिषेक करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही, जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।


प्रदोष व्रत का महत्व

शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव जलाभिषेक से शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है, कष्ट दूर होते हैं और सभी इच्छाएँ पूर्ण होती हैं। जो भक्त इस दिन पूरे विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करते हैं, उन्हें विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है।


राशि अनुसार भगवान शिव का अभिषेक

प्रदोष व्रत के दिन यदि राशि अनुसार भगवान शिव का अभिषेक किया जाए, तो यह और भी अधिक शुभ और फलदायी माना जाता है। जानिए, आपकी राशि के अनुसार कौन-सा अभिषेक करना चाहिए:


✅ मेष राशि – गंगाजल में गुड़ मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।

✅ वृषभ राशि – गाय के कच्चे दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें।

✅ मिथुन राशि – गंगाजल में भांग के पत्ते मिलाकर अभिषेक करें।

✅ कर्क राशि – गंगाजल में सफेद तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।

✅ सिंह राशि – गंगाजल में शहद और सुगंध मिलाकर अभिषेक करें।

✅ कन्या राशि – गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करें।

✅ तुला राशि – पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल) से भगवान शिव का अभिषेक करें।

✅ वृश्चिक राशि – शहद से भगवान शिव का अभिषेक करें।

✅ धनु राशि – गंगाजल में दूध मिलाकर अभिषेक करें।

✅ मकर राशि – गंगाजल में उड़द की दाल मिलाकर अभिषेक करें।

✅ कुंभ राशि – गंगाजल में काले तिल मिलाकर अभिषेक करें।

✅ मीन राशि – गाय के कच्चे दूध में दूर्वा मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।


प्रदोष व्रत की पूजा विधि

प्रातः काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

भगवान शिव का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।

सायंकाल के समय भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।

बेलपत्र, अक्षत, धतूरा, भांग, गंगाजल, दूध और शहद अर्पित करें।

शिवलिंग का अभिषेक राशि अनुसार बताए गए विशेष सामग्री से करें।

"ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।

शिव चालीसा या शिव पुराण का पाठ करें।

शिव आरती करें और प्रसाद वितरण करें।

रात को भगवान शिव का ध्यान करते हुए सोएं।


प्रदोष व्रत के लाभ

जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

मानसिक और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।

दांपत्य जीवन में प्रेम और सौहार्द बना रहता है।

व्यापार और करियर में उन्नति होती है।

पितृ दोष और ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है।

रवि प्रदोष व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का उत्तम मार्ग है। इस दिन विधिपूर्वक व्रत और अभिषेक करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है, समस्त बाधाएँ दूर होती हैं और शिव कृपा प्राप्त होती है। यदि आप भी महादेव की कृपा पाना चाहते हैं, तो इस प्रदोष व्रत पर श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान शिव का पूजन अवश्य करें।