ARWAL: ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत, संचालक मौके से फरार, इलाज में लापरवाही के कारण गई जान शिवहर में 4 दिन से लापता 14 वर्षीय किशोर का मिला शव, इलाके में सनसनी VAISHALI: एनएच-22 पर दर्दनाक सड़क हादसा: दो बाइकों की टक्कर में युवक की मौत, बहन समेत दो घायल मंगल पांडेय से प्रशांत किशोर ने मांगा इस्तीफा, कहा..थोड़ी भी शर्म और लज्जा बची है तो स्वास्थ्य मंत्री पद की कुर्सी छोड़ें BHOJPUR: धर्म-संस्कृति और समाज सेवा के संगम बने अजय सिंह, सामाजिक चेतना को दे रहे नई दिशा DARBHANGA: शहीद सूरज नारायण सिंह की स्मृति सभा कल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होंगे शामिल, आनंद मोहन ने की भारत रत्न की मांग मुंगेर में 25 लाख की भीषण चोरी: रिटायर्ड रेलकर्मी के बंद घर को बनाया निशाना, इलाज के लिए दिल्ली गया हुआ था दंपति जब तक 5000 करोड़ से PMCH का निर्माण चलता रहेगा तब तक पद पर बने रहेंगे अधीक्षक IS ठाकुर, तेजस्वी ने सरकार पर बोला हमला BIHAR: जमुई में होमगार्ड भर्ती पर धांधली का आरोप, अभ्यर्थियों ने डीएम से की निष्पक्ष जांच की मांग Bihar News: निगरानी कोर्ट ने भ्रष्ट दारोगा को सुनाई सजा, रिश्वत लेते हुआ था गिरफ्तार
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 30 Jan 2025 09:13:17 PM IST
Durga Ashtami - फ़ोटो Durga Ashtami
Masik Durgashtami 2025: भारतीय पंचांग के अनुसार, 05 फरवरी 2025 को माघ माह के शुक्ल पक्ष की मासिक दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी। इस दिन दस महाविद्याओं में आठवीं देवी मां बगलामुखी की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस शुभ अवसर पर माता की आराधना करने से जीवन के समस्त कष्टों और संकटों से मुक्ति मिलती है। साथ ही, साधकों की हर मनोकामना पूर्ण होती है।
गुप्त नवरात्रि में विशेष महत्त्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस वर्ष मासिक दुर्गा अष्टमी पर गुप्त नवरात्रि का संयोग भी बन रहा है। गुप्त नवरात्र में की गई देवी साधना तंत्र शास्त्र के अनुसार विशेष फलदायी मानी जाती है। मां बगलामुखी की उपासना से नकारात्मक ऊर्जा, शत्रु बाधा और अनिष्ट प्रभावों से रक्षा होती है।
मासिक दुर्गा अष्टमी के शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि प्रारंभ: 05 फरवरी, देर रात 02:30 बजे
अष्टमी तिथि समाप्त: 06 फरवरी, देर रात 12:35 बजे
अतः व्रत और पूजा-अर्चना 05 फरवरी को करना श्रेष्ठ रहेगा।
मंगलकारी योग और उनका प्रभाव
इस दिन कई शुभ योगों का संयोग बन रहा है, जिससे व्रत और पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।
सर्वार्थ सिद्धि योग:
प्रारंभ: शाम 08:33 बजे
समाप्त: संपूर्ण रात्रि
इस योग में मां बगलामुखी की साधना करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
रवि योग:
इस योग में पूजा करने से साधक को विशेष आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं।
भद्रावास योग:
दोपहर 01:31 बजे तक रहेगा।
इस योग में मां दुर्गा की पूजा करने से सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
पूजा विधि
प्रातः स्नान कर लाल या पीले वस्त्र धारण करें।
माता बगलामुखी की प्रतिमा के सामने दीप जलाएं।
हल्दी, चंदन, पीले फूल और पीले वस्त्र अर्पित करें।
"ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा" मंत्र का जाप करें।
माता को बेसन के लड्डू और गुड़ का भोग अर्पित करें।
व्रत कथा का पाठ करें और आरती करें।
दुर्गा अष्टमी के दिन किए जाने वाले कार्य
✔ दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
✔ जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।
✔ घर में साफ-सफाई कर देवी मां के स्वागत की तैयारी करें।
✔ शत्रु बाधा और मुकदमों से बचने के लिए बगलामुखी कवच का पाठ करें।
पंचांग अनुसार महत्वपूर्ण समय
घटना समय
सूर्योदय सुबह 07:07 बजे
सूर्यास्त शाम 06:04 बजे
चंद्रोदय सुबह 11:20 बजे
चंद्रास्त देर रात 01:30 बजे
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05:22 से 06:15 बजे तक
विजय मुहूर्त दोपहर 02:25 से 03:09 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त शाम 06:01 से 06:27 बजे तक
निशिता मुहूर्त रात्रि 12:09 से 01:01 बजे तक
मासिक दुर्गा अष्टमी पर मां बगलामुखी की पूजा करना विशेष लाभकारी माना जाता है। इस दिन बन रहे शुभ योग साधना के लिए अत्यंत शुभ हैं। यदि श्रद्धालु विधिपूर्वक मां की आराधना करते हैं, तो उनके जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।