PATNA: मुजफ्फरपुर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार सरकार द्वारा कराए गए जातीय गणना के आकंड़ों पर सवाल उठाते हुए कुछ खास जातियों की संख्या बढ़ाकर दियाने का आरोप लगाया था। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अमित शाह के आरोप का जवाब दिया है। तेजस्वी ने कहा है कि बीजेपी के लोग हकबका गए हैं और बोलना क्या होता है और बोलते क्या हैं। उन्होंने कहा कि अगर आंकड़ा बढ़ाना ही होता तो नीतीश कुमार कुर्मी जाति का नहीं बढ़ा लेते। अमित शाह के बिहार आने का फायदा महागठबंधन को मिल रहा है।
वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा जातीय गणना के आंकड़ों में फर्जीवाड़े का आरोप लगाने पर तेजस्वी ने कहा कि अमित शाह कहते हैं कि पिछड़ा और अतिपिछड़ा की संख्या को कम किया गया है और यादव को बढ़ा दिया गया है तो अमित शाह को यह जानकारी होनी चाहिए कि यादव भी पिछड़ा में ही आता है। 1931 के जनगणना में यादवों की संख्या 11 फीसदी थी और उस वक्त उड़िसा और झारखंड बिहार में था। राज्य बंटे हैं और कई साल बीते हैं तो संख्या उसी हिसाब से बढ़ी है। जहां तक मुसलमानों की बात हो तो ये तो हर साल होता रहा है। ये सब बेबुनियाद बातें हैं।
अमित शाह को बताना चाहिए कि वे किसी आधार पर बोल रहे हैं कि जातीय गणना में संख्या बढ़ाई या घटाई गई है। बिहार सरकार के पास तो साइंटिफिक आकड़ा है उनके पास कौन सा आंकड़ा है। सिर्फ अनुमान लगाने से कुछ नहीं होता है। सिर्फ बढ़ाया घटाया कहने से नहीं होगा। वे कौन से बेस पर बोल रहे हैं सब बकवास बातें हैं। अगर बढ़ाना ही होता तो नीतीश कुमार कुर्मी समाज से आते हैं, तो कुर्मी की संख्या नहीं बढ़ा दी गई होती। ये लोग हकबका गए हैं। अमित शाह को बोलना क्या था और बोलकर क्या गए। वो आ रहे हैं हम लोगों को ही फायदा पहुंचाने.. धन्य हों अमित शाह बार बार आते रहें।