DARBHANGA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ज्यादा उत्साहित हैं या फिर कोई और बात है. वे अपने भाषण में बार-बार भटक क्यों जा रहे हैं. सत्ता के गलियारे में आज फिर उसकी चर्चा हुई. जब नीतीश कुमार ने अपने प्रधान सचिव दीपक कुमार को प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव बता दिया.
मामला दरभंगा का है. शुक्रवार को नीतीश कुमार दरभंगा में सिंचाई विभाग के कार्यक्रम में भाग लेने गये थे. उन्होंने कमला बलान नदी के तटबंध के काम की शुरूआत करायी. इस मौके पर सभा भी हुई. सभा को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने अपने प्रधान सचिव दीपक कुमार को प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव बता दिया. वहां बैठे लोग हैरान रह गये. सवाल ये उठने लगा कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बन गये या उनके प्रधान सचिव नरेंद्र मोदी के पास पहुंच गये हैं.
बार-बार क्यों फिसल रही है नीतीश कुमार की जुबान
ये पहला वाकया नहीं है जब नीतीश कुमार की जुबान फिसली है. पिछले कुछ महीनों में ऐसे कई वाकये हुए हैं जिससे लोग हैरान रह जा रहे हैं. विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान नीतीश कुमार ने सदन के अंदर कह दिया था कि वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में देश के गृह मंत्री थे. जबकि नीतीश कभी देश के गृह मंत्री रहे ही नहीं. जेडीयू के एक कार्यक्रम में जब किसी कार्यकर्ता ने ग्रामीण चिकित्सक का मामला उठाया तो नीतीश कुमार चिकित्सा को शिक्षक नियुक्ति से जोड़ कर उसकी बात करने लगे. एक कार्यक्रम में वे तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बता बैठे थे.
जबकि नीतीश कुमार अपने भाषण में तथ्य और शुद्धता के लिए जाने जाते रहे हैं. लेकिन अब बार-बार उनकी जुबान फिसलने से कई तरह की चर्चायें हो रही हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी इन दिनों नीतीश कुमार की तुलना गजनी से कर रहे हैं. वे कह रहे हैं कि नीतीश कुमार शार्ट मेमोरी लॉस के शिकार हो गये हैं.