GAYA: बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के साथ ही रोज कोई न कोई विवाद सामने आ रहा है। ताजा विवाद राज्य के सहकारिता मंत्री सुरेंद्र यादव को लेकर सामने आया है। अपने गृह जिला गया पहुंचने पर मंत्री सुरेंद्र यादव मीडिया के सवालों का जवाब देने के दौरान ही अपनी फिसली जुबान को लेकर चर्चा में आ गए।
अब मंत्री के बयान को लेकर विवाद
बिहार सरकार में आरजेडी के कोटे से मंत्री बने सुरेंद्र यादव गया के बेलागंज से विधायक है, मंत्री बनने के बाद पहली बार अपने गृह जिला पहुंचे। मंत्री बनने के बाद अपने जिले में मीडिया के लोगों को आमंत्रित किया और अपनी और अपनी सरकार की प्राथमिकता बताई। इसके बाद वो मीडिया के सवालों का जवाब देने की तैयारी में ही थे कि उनकी बगल के कुर्सी पर बैठे एक सज्जन ने मंत्री जी के कान में कुछ कहा। भरे प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया के लोगों के बीच सलाह देने से मंत्री जी नाराज हो गए। अपने साथी पर भड़कते हुए मंत्री ने कहा- आप चुप रहिये तो अच्छा होगा, कैमरे में आ रहा है आपका फोटो, लोग समझेंगे मंत्री @..@.... है सीखा रहा है।
नई सरकार में विवाद ही विवाद
मंत्री सुरेंद्र यादव के ताजा वीडियो आने के बाद एक बार फिर नई सरकार की फजीहत हो रही है। सरकार को बने अभी दस दिन भी नहीं हुआ है और कई विवाद अबतक सामने आ चुका है। सबसे पहला विवाद बिहार के कानून मंत्री बने कार्तिक कुमार के अपहरण मामले में वारंट को लेकर हुआ। फिर कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के धान घोटाला में नाम आने और बाद में वन एवं पर्यावरण मंत्री बने तेजप्रताप यादव के साथ उनके जीजा शैलेश के विभाग की मीटिंग में शामिल होने को लेकर विवाद आया।
विवाद से मुक्ति के लिए गाइडलाइन
सुरेंद्र यादव के ताजा वीडियो ने एक फिर गलत वजह से महागठबंधन सरकार के मंत्री को चर्चा में ला दिया है। इसी बीच डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अपने पार्टी के कोटे से मंत्री बने विधायकों के लिए नई गाइडलाइन बना दी है, जिसमें कई तरह के निर्देश दिये गए है जिससे सरकार और पार्टी की कोई नकारात्मक छवि जनता के बीच न जाए।
भाजपा प्रवक्ता डॉक्टर निखिल आनंद ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि बिहार सरकार के मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव सभी तरह के अनुभवों से परिपूर्ण हैं। कभी विधायक रहते हुए उन्होंने बीपीएससी की परीक्षा क्वालीफाई कर लिया था। लेकिन अब जब वे मंत्री बन गए हैं तो कम से कम उन्हें थोड़ा ज़ुबान पर भी काबू रखना चाहिए था। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के मंत्रियों को पब्लिक डोमेन में बोलने की ट्रेनिंग देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संवेदनशील व्यक्ति हैं। अब उन्हें जरुरत है कि वे आरजेडी कोटे के मंत्रियों के साथ एक ट्रेनिंग सेशन ओर्गनाइज़ करें और बिहार की छवि खराब होने से बचाएं।