मधुबनी में अपराधी बेलगाम: बाइक सवार उचक्कों ने 3 लाख रुपये से भरा बैग दंपति से छीना बिहार में अपराधियों का तांडव जारी: दंपति पर अंधाधुंध फायरिंग, महिला की हालत गंभीर 2025 में 21 से ज्यादा खिलाड़ी कर चुके संन्यास की घोषणा, इनमें से 7 Team India के E-Rickshaw Safety: अब ई-रिक्शा में भी पाएं गाड़ियों वाली सुरक्षा, जनता का सबसे बड़ा डर ख़त्म करने चली मोदी सरकार सुपौल में यथासंभव काउंसिल का शिक्षक सम्मान समारोह, संजीव मिश्रा ने किया सम्मानित मुजफ्फरपुर में चिराग की सभा में लगा यह नारा.."बिहार का सीएम कैसा हो, चिराग पासवान जैसा हो" Katihar News: कटिहार में फिर से उफान पर नदियां, गोदाम की दीवार गिरने से करोड़ों की संपत्ति का नुकसान Katihar News: कटिहार में फिर से उफान पर नदियां, गोदाम की दीवार गिरने से करोड़ों की संपत्ति का नुकसान Bihar Politics: इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को मुकेश सहनी ने दी शुभकामनाएं, MP-MLA से की यह अपील Bihar Politics: इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को मुकेश सहनी ने दी शुभकामनाएं, MP-MLA से की यह अपील
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 18 Dec 2024 11:01:31 PM IST
- फ़ोटो
संकष्टी चतुर्थी विशेष रूप से भगवान गणेश की पूजा और व्रत के लिए प्रसिद्ध है। यह व्रत माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है और इस दिन भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। सनातन धर्म में इसे एक विशेष महत्व दिया जाता है, क्योंकि यह व्रत आर्थिक समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि के लिए माना जाता है। साथ ही, यह व्रत करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
व्रत का महत्व:
संकष्टी चतुर्थी का व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है जो आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे होते हैं। यह व्रत भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है, जिससे जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है।
2025 की संकष्टी चतुर्थी:
तिथि: 17 जनवरी 2025 (प्रात: 04:06 बजे से 18 जनवरी 2025 (प्रात: 05:30 बजे तक)
शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:27 से 06:21 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:17 से 02:59 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:45 से 06:12 बजे तक
निशिता मुहूर्त: रात 12:04 से 12:58 बजे तक
शुभ योग:
इस दिन विशेष रूप से सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है, जो देर रात 12:57 बजे तक रहेगा। इसके अलावा शिववास योग भी बन रहा है, जिसमें भगवान महादेव कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इन दोनों योगों में भगवान गणेश की पूजा करने से व्रति को सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
पूजा विधि:
संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रति सूर्योदय से पहले उबटन और स्नान करके शुद्ध हो जाएं।
फिर एक उपवासी व्रति के रूप में गणेश जी की पूजा करें।
पूजा में भगवान गणेश के पंचोपचार या षोडशोपचार विधि से पूजा करनी चाहिए।
गणेश जी को दुर्वा, ताजे फूल, मोदक और ताजे फल चढ़ाएं।
दिनभर व्रति करें और संतान सुख, आय में वृद्धि, सुख-शांति और सौभाग्य की कामना करें।
पूजा समाप्ति के बाद व्रति को श्रद्धा से रात्रि को भगवान गणेश का ध्यान करते हुए उपवास समाप्त करना चाहिए।
संकष्टी चतुर्थी व्रत भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने का एक उत्तम अवसर है, और यह व्रत जीवन में समृद्धि, सुख, शांति और आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक होता है।