बुधवार को आरा आएंगे स्वामी रामनरेशाचार्य, क्लब परिसर में आयोजित दो दिवसीय सत्संग में देंगे प्रवचन

बुधवार को आरा आएंगे स्वामी रामनरेशाचार्य, क्लब परिसर में आयोजित दो दिवसीय सत्संग में देंगे प्रवचन

ARA : श्रीरामभाव प्रसार यात्रा को लेकर बिहार प्रवास पर आये पररामानंद संप्रदाय के प्रधान आचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य जी महाराज बुधवार को आरा आएंगे. स्वामी रामनरेशाचार्य आरा क्लब परिसर में आयोजित दो दिवसीय सत्संग में प्रवचन देंगे. स्वामी जी के सत्संग को लेकर लगभग सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. स्वामी जी पटना से होते हुए बुधवार की सुबह आरा पहुंचेंगे. 


स्वामी जी महाराज पिछले एक सप्ताह से बिहार में श्रीरामभाव प्रसार यात्रा कर रहे हैं. अपने दो दिवसीय प्रवास को लेकर 11 और 12 दिसंबर को स्वामी जी आरा में रुकेंगे. इस दौरान आरा क्लब परिसर में आयोजित सतसंग कार्यक्रम में स्वामी जी प्रवचन देंगे. इस कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होंगे. रामानंदाचार्य आध्यात्मिक मंडल के संयोजक सतेन्द्र पांडेय के मुताबिक जगदगुरु रामानंदाचार्य पद प्रतिष्ठित स्वामी रामनरेशाचार्य रामानंदी वैष्णवों की मूल आचार्यपीठ श्रीमठ, पंचगंगा घाट, काशी के वर्तमान पीठाधीश्वर हैं. इस पीठ को सगुण और निर्गुण रामभक्ति परंपरा और रामानंद संप्रदाय का मूल गादी होने का गौरव प्राप्त है. रामानंद संप्रदाय को वैरागी और रामावत संप्रदाय भी कहा जाता है. 


कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर संयोजक सतेन्द्र पांडेय ने आगे बताया कि स्वामी जी पटना से सड़क मार्ग से होते हुए आरा पहुंचेंगे. इस बीच खगौल, बिहटा, कोईलवर और कायमनगर में स्वागत करने की तैयारी की गई है. आरा आगमन के बाद क्लब परिसर में आयोजित सत्संग कार्यक्रम में स्वामी जी शाम चार बजे प्रवचन देंगे. दूसरे दिन भी शाम चार बजे से 6 बजे तक उसी स्थल पर सत्संग में स्वामी जी हिस्सा लेंगे. रामानंदाचार्य आध्यात्मिक मंडल की ओर से श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद की व्यवस्था भी की गई है.


आरा के महाराजा हाता स्थित राम मोटर्स की गली में स्वामीजी का प्रवास रहेगा. जहां उनसे दीक्षित भक्त सुबह में गुरु पूजन और आरती करेंगे. दोपहर तक दर्शन-पूजन का कार्यक्रम चलेगा. बता दें कि जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य राममंदिर बनाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हराव की पहल पर गठित रामालय ट्रस्ट के संयोजक रहे हैं. उस ट्रस्ट में द्वारका पीठ और ज्योतिष पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती और श्रृंगेरी पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी भारतीतीर्थ जी भी थे. रामानंदाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य ने साफ किया है कि अयोध्या में राममंदिर के निर्माण में सबकी सहभागिता होनी चाहिए.