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1st Bihar Published by: Vikramjeet Updated Sat, 29 Jun 2024 02:53:50 PM IST
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VAISHALI: बिहार में डबल इंजन की सरकार है। बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का दावा करने वाली एनडीए की सरकार में जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। वैशाली के हाजीपुर से बेहद शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। जो हाजीपुर सदर अस्पताल का है। जहां मौत के बाद मृतक को शव वाहन तक नसीब नहीं हुआ।
तब जीआरपी ने 500 रुपये में एक ठेला बुक किया और ठेले पर रखकर लाश को हाजीपुर स्टेशन स्थित शीतल शव गृह में ले जाया गया। दरअसल जिले के तमाम एम्बुलेंस चालक पिछले 12 दिन से हड़ताल पर हैं। जिसके कारण हाजीपुर सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गयी है। जिंदा बीमार लोगों को एम्बुलेंस नहीं मिल रहा है तो वही मृतक को शव वाहन तक नसीब नहीं हो रहा है।
बताया जाता है कि हाजीपुर रेलवे स्टेशन पर रानी कमलापति अगरतला ट्रेन से एक युवक को बेहोशी की हालत में जीआरपी पुलिस ने बरामद किया था। आनन-फानन में उसे ठेले पर लादकर सदर अस्पताल ले लाया गया लेकिन डॉक्टर ने इलाज के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद शव को वापस हाजीपुर रेलवे स्टेशन स्थित शीतल शव गृह ठेले से ही ले जाया गया।
अस्पताल प्रशासन की ओर से मृतक के लिए शव वाहन तक की व्यवस्था नहीं करायी गयी। कहा गया कि एम्बुलेंस चालकों की हड़ताल है शव वाहन नहीं मिल सकता। शव ले जाने वाले संजय राय ने बताया कि हाजीपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म दो से अचेतावस्था में पड़े युवक को इलाज के लिए सदर अस्पताल वो ठेले से ले गया था जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद अब वापस हाजीपुर रेलवे स्टेशन ठेले पर ही ले जाया गया। हाजीपुर से आई इस तस्वीर ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है।