PATNA: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए बीजेपी पर तीखा हमला बोला। ऑल इंडिया फेडरेशन फॉर सोशल जस्टिस’ के पहले नेशनल कांफ्रेंस को संबोधितकरते हुए सामाजिक न्याय के मुद्दे पर बीजेपी को घेरा और उसे आरक्षण और पिछड़ा विरोधी बताया है। सोमवार की देर शाम हुए इस सम्मेलन में तमाम विपक्षी दलों के बड़े नेता शामिल हुए।
दरअसल, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व में सोमवार को अखिल भारतीय सामाजिक न्याय महासंघ का पहला सम्मेलन आयोजित किया गया था। इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, सीपीआईएम के जनरल सेक्रेटरी सीताराम येचुरी, सीपीआई के जनरल सेक्रेटरी डी राजा, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला सहित देश के कई दिग्गज नेता शामिल हुए।
इस सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि सामाजिक न्याय के संघर्ष में हमें कई मंज़िलें हासिल हुई लेकिन अभी कई महत्वपूर्ण मुकाम बाकी हैं। इसी के मद्देनजर बिहार में हमारी सरकार ने जातियों की सामाजिक आर्थिक परिस्थितियों के लिए अपने संसाधन से जाति आधारित सर्वेक्षण प्रारम्भ किया है। तेजस्वी ने अपील की है कि कांग्रेस और अन्य विपक्ष शासित राज्य भी ऐसा करेंगे तो बेहतर समन्वय होगा तथा पूरे देश में संदेश जाएगा।
तेजस्वी ने कहा कि आज भी विपक्ष शासित राज्यों में ओबीसी का 27% आरक्षण सही से लागू नहीं हो पाया है, जो सभी के लिये चिंता का विषय है। झारखंड में हेमंत सोरेन और छतीसगढ़ में भूपेश बघेल ने 27% आरक्षण के लिए विधानसभा में क़ानून पारित किया लेकिन वहां भाजपा द्वारा भेजे गये राज्यपाल उनको अटका कर रखे हुए हैं। तमाम समान विचारधारा वाली पार्टियों को एकजुट होकर पिछले दरवाज़े से पिछड़ों के भलाई के लिए पारित क़ानूनों को अटकाने के विरुद्ध केंद्र के खिलाफ आंदोलन करना होगा ताकि यथाशीघ्र आरक्षण लागू हो।
डिप्टी सीएम ने कहा कि भाजपा शुरू से ही आरक्षण और पिछड़ा विरोधी रही है। बीजेपी का चाल-चरित्र, नीति और नीयत हमेशा सामाजिक न्याय के खिलाफ रहा है। हमने पिछड़ों की आबादी के अनुपात में यूनिवर्सिटीज़, सरकारी नौकरियों एवं केंद्रीय संस्थानों में हिस्सेदारी तथा निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की सामूहिक मांग रखी। तेजस्वी ने कहा किसामाजिक न्याय के सरोकारों की धुरी की राजनीति ही धार्मिक उन्माद और साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की भाजपाई राजनीति का मुंहतोड़ जवाब दे सकती है।