DESK: विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष 'सन ऑफ मल्लाह' मुकेश सहनी पूरे दमखम के साथ उत्तर प्रदेश के चुनावी मैदान में उतरे हैं। वीआईपी पार्टी के नाव पर सवार होकर निषाद समाज के लोग यूपी के सत्ता पर काबिज होंगे। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने यह बातें कही।
उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी के सुप्रीमो मुकेश सहनी लगातार उत्तरप्रदेश के दौरे पर हैं और पूर्वांचल के सभी विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचकर जनता से संवाद स्थापित कर रहे हैं। मुकेश सहनी ने जमीन से जुड़े उन कार्यकर्ताओं को पार्टी का प्रत्याशी बनाया जो वर्षों से निषाद समाज के उत्थान के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने बताया कि उत्तरप्रदेश में पूर्वांचल के जिन सीटों पर वीआईपी पार्टी के उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हैं, वहां के हर कोने से सिर्फ एक ही आवाज आ रही है कि हर हाल में " नाव छाप " पर ही बटन दबाएंगे और निषाद आरक्षण को लागू कराके रहेंगे।" उत्तर प्रदेश में निषाद समाज अपनी वोट की ताकत को पहचान चुका हैं और एक जुट होकर वीआईपी पार्टी के साथ " निषाद आरक्षण की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।
उन्होंने बताया कि उत्तरप्रदेश में कुल 15 प्रतिशत निषाद हैं। पार्टी के संस्थापक " सन ऑफ मल्लाह " मुकेश का एकमात्र उद्देश्य उत्तरप्रदेश में निषाद आरक्षण को लागू करवाना है। उन्होंने कहा कि विकासशील इंसान पार्टी (VIP) को चुनाव आयोग (Election Commission) की ओर से चुनाव चिह्न में ‘नाव’ का सिंबल मिला है।
“हमारे समाज और हमारे पूर्वजों ने तो श्री रामचंद्र की भी नैया पार लगाई थी। हमलोग वर्षों से बीच मजधार में फंसे थे, इसलिए ये भी हमे पता है कि अपना नाव हमें खुद किनारा लगाना है. हमें चुनाव आयोग से नाव छाप मिला है और हमें पूरा पता है कि जैसे बिहार में नाव किनारे पर लगी वैसे ही यहां भी (यूपी) लगेगी। नाव छाप " निषाद जाति के पूर्वजों की धरोहर हैं, यह निषाद समाज की आत्मा से जुड़ा है।
पूरे उत्तरप्रदेश के निषाद समाज के समर्थन से वीआईपी पार्टी आज पुरे देश के निषादों के लिए सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी हैं, और वीआईपी पार्टी के नाव पर सवार होकर उत्तर प्रदेश के पूरे 165 सीटों पर वीआईपी पार्टी मजबूती से अपने हक अधिकार के लिए लड़ाई लड़ रही हैं।
आगे देव ज्योति ने कहा कि वीआईपी पार्टी पूर्वांचल और बुंदेलखंड की उन सीटों पर अपनी ख़ास नज़र बनाए हुए है,जहां पर निषाद समाज के भाई बहन चुनाव में मतदाता के रूप में अपनी अहम भूमिका निभाते है. यूपी में निषाद समुदाय का पूरा वोट वीआईपी पार्टी के उम्मीदवारों के साथ है।
वीआईपी ने अपने आधे से ज्यादा प्रत्याशी सिर्फ निषाद समुदाय के उतारने का निर्णय लिया है. इसके अलावा वीआईपी पार्टी एससी एसटी समाज के भाई बहनों को भी पार्टी की ओर से प्रत्याशी बनाया गया हैं, ताकि समाज के हर वर्ग को समान रूप से लेकर चलने की जो विचारधारा वीआईपी पार्टी की हैं, वह कायम रहे।
मुकेश सहनी लगातार निषाद आरक्षण के मुद्दे पर उत्तरप्रदेश की मौजूदा सरकार से सवाल पूछ रही की, समय रहते उन्होंने उत्तरप्रदेश में निषाद समाज को उनका अधिकार क्यों नहीं दिया, क्यों उत्तरप्रदेश में बंगाल और दिल्ली की तर्ज पर निषाद आरक्षण लागू नहीं किया। वीआईपी पार्टी के सभी कैंडिडेट निषाद समुदाय के वोटों से जीतकर उत्तरप्रदेश की सत्ता के भागीदार बनेंगे।
जिस तरह से पूर्वांचल की जनता वीआईपी पार्टी को आशा की एक नई किरण मान रही हैं, जो निषाद समाज को आरक्षण दिलाने हेतु आर या पार की लड़ाई लड़ रहा हैं । उत्तर प्रदेश की निषाद समाज ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनका नेता सिर्फ " सन ऑफ मल्लाह" मुकेश सहनी हैं।