PATNA : बिहार सरकार आगामी 13 और 14 दिसंबर को पटना के ज्ञान भवन में बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023 ग्लोबल इन्वेस्टर्स सबमिट का आयोजन करने जा रही है। इसको लेकर राजधानी पटना के कई चौक चौराहों पर पोस्टर लगाए गए हैं इसके साथ ही साथ अखबार में विज्ञापन भी दिया गया है। लेकिन सबसे बड़ी बात है कि इन विज्ञापनों में जो सबसे बड़ी छवि लगाई गई है वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का है लेकिन इसमें कहीं भी बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की एक भी तस्वीर नहीं लगाई गई है। ऐसे में तेजस्वी यादव के मामा कहे जाने वाले रजत एमएलसी सुनील सिंह की भड़ास फिर से सामने आई है। राजद एमएलसी ने इशारों ही इशारों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नापसंद व्यक्ति बताया है।
दरअसल, राजद विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह ने नीतीश पर फिर हमला करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला है। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि - 'बिहार में नया ट्रेंड चला है, विभाग कोई भी हो, लेकिन अखबार के विज्ञापन में दांत निपोरता एक नापसंद व्यक्ति की हीं तस्वीर दिखेगी! राजद के एमएलसी ने अखबार में केवल CM नीतीश की तस्वीर पर अपनी भड़ास निकाली है.
मालूम हो कि, यह पहली दफा नहीं है जब सुनील सिंह ने नीतीश पर निशाना साधा हो वह इससे पहले भी इस तरह के पोस्ट करते रहे हैं।.इससे पहले राजद विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह ने कहा कि- पहले भी देखा गया है कि कुछ आईएएस अफसर हैं, जिनको सरकार हथियार के रूप में इस्तेमाल करती है। अगर किसी मंत्री को साजना( शांत) करना है, तो उस अफसर को लगा दिया जाता है। यह पहले भी देखा गया है. दूसरे राज्यों में भी मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है। 2-4-5 आईएएस अफसर होते हैं जिनको सरकार हथियार के रूप में इस्तेमाल करती है। वही आईएएस अफसर जब सही रूप से काम करता है तब मुश्किल होने लगती है।
वहीं, इससे पहले सुनील सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर एक तस्वीर शेयर की। इसमें वह अपनी पत्नी के साथ खड़े थे और ऊपर लालू प्रसाद यादव की तस्वीर है। सुनील सिंह ने लालू प्रसाद यादव की तारीफ की है। इसके साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार पर भी इशारों-इशारों में निशाना साधा। उन्होंने पोस्ट में लालू यादव को सम्मान के लायक बताया जबकि नीतीश कुमार को कूड़े के लायक बताया था।
सुनील कुमार सिंह ने सोशल मीडिया पर तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि जिनकी बदौलत नाम, पहचान और सम्मान मिला, उस महान व्यक्ति की तस्वीर मेरे सिर के ऊपर लगी है, लेकिन चूंकि वो भी तो किसी तरह जोड़-तोड़ कर प्रदेश के मुखिया हैं, स्वाभाविक था कि उनकी भी तस्वीर एक कोने में इज्जत स्वरूप लगी थी, लेकिन उनकी तस्वीर उस दिन के दिव्य, अलौकिक, ज्ञान बखान के उपरान्त मेरे परिवार वालों ने गैरेज में फेंकवा दिया। मेरे मना करने पर मेरे परिवार वाले बॉक्सिंग दस्ताने पहनकर मेरे साथ डब्ल्यूडब्ल्यूएफ खेलने के लिए तैयार हो गए।