विपक्ष के हंगामे के बाद भड़क गए शिक्षा मंत्री, कहा - जब सुनना ही नहीं मेरी बात तो....

विपक्ष के हंगामे के बाद भड़क गए शिक्षा मंत्री, कहा - जब सुनना ही नहीं मेरी बात तो....

PATNA : बिहार विधानसभा के 8वें दिन सदन में केके पाठक के मुद्दे पर विपक्ष ने जमकर हंगामा जारी है। ऐसे में  मुख्यमंत्री ने उनका बचाव करते हुए कहा कि वो ईमानदार अफसर हैं। किसी की नहीं सुनते हैं। अपना काम ईमानदारी से करते हैं। विपक्ष ने कहा कि सीएम ने कल विधानसभा में स्कूल की टाइमिंग 10-4 बजे करने को कहा था। इसके बावजूद स्कूल का टाइमिंग नहीं बदला गया। विपक्ष इसी का विरोध कर रहा था। उसके बाद इसको लेकर संसदीय कार्य मंत्री और शिक्षा मंत्री ने कहा कि - जब आपको सरकार की बात नहीं सुननी है तो आप ही आदेश जारी कर दिगिए। 


दरअसल, विपक्ष के तरफ से जब के के पाठक को लेकर हंगामा किया जा रहा था। उसी दौरान स्पीकर के आदेश पर संसदीय कार्य मंत्री सह शिक्षा मंत्री जवाब देने को खड़ा हुए लेकिन विपक्ष के तरफ से जोरदार हंगामा करना शुरू कर दिया गया।ऐसे में वो वापस से अपनी जगह पर बैठ गए और कहां की जब सरकार की बात सुननी ही नहीं है तो फिर बोलने से क्या फायदा। उसके बाद स्पीकर ने विपक्ष के विधायक को चेतावनी देते हुए कहा कि - आप सरकार की बात सुनना क्यों नहीं चाहते हैं, क्या आप सदन को हाईजैक करना चाहते हैं ? उसके बाद स्पीकर ने मंत्री को अपनी बात रखने को कहा। 


ऐसे में स्पीकर का आदेश सुनकर विभागीय मंत्री सह संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि- अब विपक्ष मेरी बात ही नहीं सुनना चाहता है तो वही लोग आदेश जारी कर दें 11 बजे से आने का, निकाल दें चिट्टी। बात सुनते ही नहीं है ... , यदि आज जो चिट्टी निकली है उससे यदि कोई समस्या है, कोई भ्रम है तो आज मुख्यमंत्री जी ने सदन में घोषणा कर दी है कि क्लास 10 से 4चलेगी, लेकिन टीचरों को मात्र 15 मिनट पहले 9:45बजे तक स्कूल आना होगा और जब मुख्यमंत्री जी ने सदन में घोषणा कर दी है तो वो सरकार का फैसला है और वही लागू होगा। 


उधर, नीतीश कुमार ने राजद विधायकों की ओर इशारा करके कहा-सारा गड़बड़ आप ही लोग कर रहे थे। अभी मैंने सारा ठीक कर दिया और अब आपलोग बोल रहे हैं। स्कूलों की टाइमिंग को लेकर कल ही हमने कह दिया और लागू हो गया।  अब कहियेगा कि अधिकारी को हटाओ।  ये आपको अधिकार है? सरकारी अधिकारी को हटाने की मांग करना गलत है।  इमानदार आदमी के खिलाफ आपलोग कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। जो सबसे इमानदार है। उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।  ऐसे अधिकारी जो किसी का धंधा नहीं चलने देता है। इधर उधर नहीं करता है।  उसी के खिलाफ एक्शन लेने की बात करते हैं, ये बिल्कुल गलत बात है। आप लोगों को जितना हंगामा करना है करिये. हंगामा करते करते आपलोग दो साल के अंदर क्षेत्र में ही हंगामा करते रहियेगा।