PATNA : बिहार विधानसभा में मंगलवार को शीतकालीन सत्र के दुसरे दिन के पहले सेशन में शिक्षा विभाग का सवाल काफी सुर्ख़ियों में रहा है। इस विभाग को लेकर विपक्ष के विधायक ने काफी सवाल किए। इसके बाद शिक्षा विभाग से जुड़े सवाल पर नीतीश सरकार के मंत्री के जवाब से नाखुश विपक्षी दलों के सदस्यों ने अपनी जगह पर खड़े होकर नारेबाजी की।
दरअसल,राजद विधायक ललित यादव ने एक स्कूल से जुड़ा सवाल किया। उन्होंने कहा कि स्कूल की बेशकीमती लकड़ी और लोहा बिना किसी मंजूरी के बेच दी गई। इस पर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने जवाब किया कि मामले की जांच करा ली जाएगी। लेकिन किस सक्षम प्राधिकार से जांच कराई जाएगी सिको लेकर स्पष्ट जवाब नहीं देने पर ललित यादव ने जवाब को असंतोषप्रद कहा। ऐसे में शिक्षा मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने अपनी जगह पर खड़े होकर जोरदार हंगामा करने लगे। उसके बाद अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने सदस्यों को समझाकर बैठाया दिया।
इससे पहले बिहार विधानसभा में विपक्ष के विधायक मुकेश कुमार ने कहा कि क्या मंत्री, शिक्षा विभाग, यह बतलाने की कृपा करेंगे कि क्या यह बात सही है कि बिहार राज्य के प्रारंभिक से उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में "ई" शिक्षा ऐप पर उपस्थिति अनिवार्य किया गया है जबकि "ई" शिक्षा ऐप सही से कार्य नहीं कर रहा है, जिससे शिक्षकों को उपस्थिति दर्ज करने में कठिनाई हो रही है?
इधर, बिहार विधानसभा में मंगलवार को जहरीली शराब के मुद्दे पर नीतीश सरकार अपने ही जवाब से सदन में फंस गई. विपक्षी सदस्यों ने बिहार में जहरीली शराब से होने वाली मौतों को लेकर सवाल किया जिस पर सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि राज्य में अप्रैल 2016 से अब जहरीली शराब से 156 मौतें हुई हैं। साथ ही शराब तस्करों पर होने वाली कार्रवाई का जिक्र किया।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि जो 156 मौतें हुई हैं, वो पूरे बिहार का है या फिर सिर्फ तीन जिले का है? आंकड़ें सही कर लें. तेजस्वी यादव ने इसके बाद तीखे सवाल पूछते हुए कहा कि शराब के धंधे में शामिल ज्यादातर तो गरीबों पर ही कार्रवाई होती है। लेकिन बिहार में जो ट्रक भर-भर के शराब आता कहां से है, बन कहां रहा रहा है. किसी बड़े आदमी पर आपने कार्रवाई क्यों नहीं की है। ट्रक भर-भर कर जो सामना आ रहा है, उसपर क्या कार्रवाई हुई है. तेजस्वी यादव ने पूछा कि बड़ी मछलियों पर क्या कार्रवाई कर रहे हैं।नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार इस मुद्दे पर समीक्षा बैठक तो करते हैं, लेकिन समीक्षा का नतीजा सामने नहीं आता है. कार्रवाई नहीं होती है।