विधानसभा अध्यक्ष के साथ दुर्व्यवहार मामला, कल बुलाई गयी महत्वपूर्ण बैठक, मुख्य सचिव और डीजीपी होंगे शामिल

विधानसभा अध्यक्ष के साथ दुर्व्यवहार मामला, कल बुलाई गयी महत्वपूर्ण बैठक, मुख्य सचिव और डीजीपी होंगे शामिल

DESK: बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले में विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस लाया गया है। लखीसराय डीएसपी रंजन कुमार, थाना प्रभारी दिलीप कुमार और संजय कुमार सिंह के खिलाफ यह नोटिस लाया गया है।


बीजेपी विधायक संजय सरावगी और ललन कुमार ने यह प्रस्ताव लाया है। सोमवार को दोपहर तीन बजे विधानसभा में महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गयी है। जिसमें उन पदाधिकारियों को जवाब के साथ पेश होने का आदेश दिया गया है। इस बैठक में मुख्य सचिव और डीजीपी भी शामिल होंगे। विधानसभा के सचिव ने यह महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। 


बता दें कि बीते दिनों बिहार की पुलिस व्यवस्था पर बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा जमकर बरसे थे। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा था कि पदाधिकारियों को सुशासन स्थापित करने के लिए इमानदारी के साथ काम करना होगा। जो सही में अपराधी है उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। सिर्फ खानापूर्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि खानापूर्ति के नाम पर कुशासन लाने और दुशासन के मनोबल को बढ़ाने का यह खेल अब बंद होना चाहिए। यह खेल कतई स्वीकार नहीं होगा। इस खेल में जो लोग भी शामिल है वैसे लोगों को चिन्हित कर सरकार कार्रवाई करें। विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के नाते विधानसभा के अधिकार और पावर की जानकारी सभी माननीय सदस्य को हैं। इसका दुरुपयोग नहीं आसन करें या करना नहीं चाहता है ये मर्यादा का सिर्फ हम पालन करते हैं लेकिन लोग इसको अगर हल्के में लेंगे तो यह उचित नहीं होगा।


गौरतलब है कि बीते दिनों पुलिस पर भड़के विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि पुलिस के संरक्षण में दारू और बालू की तस्करी हो रही है। इसमें कई बड़े लोग भी शामिल हैं। दो दिवसीय दौरे के दौरान अपने विधानसभा क्षेत्र लखीसराय आने के दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि यदि इस क्षेत्र का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गयी तो वे अध्यक्ष पद से त्याग पत्र देकर आम जनता के पक्ष में सड़क पर आंदोलन शुरू कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि वे इसकी शिकायत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डीजीपी से करेंगे।


लखीसराय में बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा था कि मुख्यमंत्री और डीजीपी का दबाव आने पर मामूली कार्रवाई कर पुलिस अपनी पीठ थपथपा लेती है। जो सरकार को बदनाम करने की एक साजिश है। बेलगाम अपराध को रोकने के बदले पुलिस अवैध कमाई में लगी है। ऐसे भ्रष्ट और कमजोर पुलिस पदाधिकारियों को क्षेत्र में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। 


बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने लखीसराय एसपी पर भी गंभीर आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि जब भी क्षेत्र की विधि व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए बैठक बुलाते हैं वे किसी ना किसी बहाने से निकल जाते हैं। उन्होंने बताया कि वे विधानसभा अध्यक्ष के साथ-साथ लखीसराय के प्रतिनिधि भी हैं। यदि इस क्षेत्र का माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया गया तो वे विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर सड़क पर आंदोलन शुरु कर सकते हैं। 


बता दें कि सरस्वती पूजा के मौके पर लखीसराय के बड़हिया प्रखंड के टाल क्षेत्र में आर्केस्ट्रा आयोजित की गयी थी। जहां स्थानीय लोगों ने बार-बालाओं के साथ जमकर ठुमके लगाए। इस दौरान हथियार का प्रदर्शन और नर्तकी पर पैसे बरसाए गये। वही वीरुपुर थाना क्षेत्र के गिरधरपुर गांव, पाली पंचायत के कमरपुर और एजनिघाट पंचायत के रुस्तमपुर गांव में भी नर्तकियों का अश्लील डांस हुआ। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। 


वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने कुछ लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की। साथ ही दो वैसे लोगों को गिरफ्तार किया जो केवल आर्केस्ट्रा देखने गए थे। उनसे जबरन जुर्म कबूलने को भी कहा गया। साथ ही पैसे देकर जमानत देने की बात कही गयी। मामला सामने आने के बाद आगबबूला हुए विजय सिन्हा ने पुलिस को फटकार लगाई। 


उन्होंने कहा कि राज्य में सुशासन लागू करना पुलिस की जिम्मेदारी है। इसका मतलब ये नहीं है कि वो लोगों के मन में खौफ पैदा करें और गलत तरीके से काम करें। अगर ऐसा किया गया तो कार्रवाई होगी। मैं लखीसराय को चारागाह नहीं बनने दूंगा। पहले मैं अपने क्षेत्र का जन प्रतिनिधि हू विधानसभा अध्यक्ष बाद में हूं। जरूरत पड़ी तो विधानसभा में कमेटी बनाकर जांच कराई जाएगी।  


विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि वायरल वीडियो में स्टेज पर राइफल लेकर बैठे लोगों और डांस कराने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गयी। गिरफ्तार गौतम महतो एवं अमित महतो कार्यकर्ता हैं जो डांस देखने गए थे। दोनों को घर से बुलाकर जेल भेज दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष ने सवाल किया कि जब आपके क्षेत्र में इस तरह का आयोजन हो रहा था, तब आपलोग कहां थे? ऐसे थानाध्यक्ष को फील्ड में नहीं रहना चाहिए।