PATNA : बिहार विधान परिषद में आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही स्कूल की टाइमिंग को लेकर सीएम के तरफ से जारी आदेश का पालन नहीं करने मामला सूचना के जरिए उठा। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने साथ मिलकर इस मामले को सदन में उठाया। के बाद विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने इस मामले में शिक्षा मंत्री से स्पष्टीकरण की मांग की।
वहीं, हंगामे के बीच अपने स्पष्टीकरण में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि -हमने पहले भी सदन में बताया था और आज भी कर रहे हैं मुख्यमंत्री की जो घोषणा है वह सरकार की घोषणा होती है और सरकार जब सदन में जो कुछ भी बातें बोलता है अंत में लागू वही होता है उससे अलग कोई दूसरी बात नहीं हो सकती है।
विधानसभा और विधान परिषद में भी सारे सदस्यों ने कहा कि -28 फरवरी को सदन की बैठक थी और हमने कहा था कि इस बैठक को स्थगित कर दिया है। इसके बाद यदि कोई कार्रवाई की बात कही जा रही है तो वह मेरे संज्ञान में नहीं है। लेकिन इतना मैं जरूर कहना चाहता हूं कि उन्होंने बैठक स्थगित कर दी इसलिए उनके खिलाफ न कोई कार्रवाई हुई है और ना ही हो सकती है। क्योंकि उससे सीनेट में विधायक सदस्य होते हैं और विधायक का विधानसभा क्षेत्र चल रहा है तो फिर वहां उपस्थित रहना संभव नहीं है। ऐसे में यदि सीमेंट की बैठक क्यों रोक दी इस आधार पर कोई कार्रवाई हुई होगी तो मैं उसे जरूर देखूंगा।
ऐसे में सत्ता पक्ष के विधायक फिर से यह करने लगे कि यदि सदन में कोई घोषणा हुई है तो इसको लेकर पत्र जारी किया जाना चाहिए जिसमें यह लिखा हो कि स्कूल कितने से कितने बजे तक संचालित होगा। इससे सबकुछ साफ़ हो जाएगा और ऐसे अधिकारियों को भी सूचना मिलेगी जो अपनी मनमर्जी चला रहे हैं, यह बहुत ही गलत हो रहा है।
उधर, स्पीकर में सत्ता पर छवि पक्ष के लगातार हंगामा को देखते हुए कहा कि हम सभी लोग इस बात से अवगत हो चुके हैं और सरकार भी यहां उपस्थित है तो मैं चाहूंगा कि सरकार इसे सीरियसली ले और उसे पर विचार करें। इस हंगामे के बीच शिक्षा मंत्री चुप - चाप बैठकर बाद के मामलों को सुनती रही है।