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1st Bihar Published by: Updated Mon, 14 Feb 2022 12:10:46 PM IST
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PURNIA : दुनिया भर में आज वैलेंटाइन डे (Valentine Day) मनाया जा रहा है. जहां एक तरफ प्रेमी जोड़ें एक दुसरे को प्यार का इजहार कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ एक ऐसे बुजर्ग के बारे में आपको बताने जा रहे है. जो अपने पत्नी से सिर्फ प्यार किया बल्कि उसकी मौत के बाद भी रोज साथ रहते भी है. आपको बता दें पूर्णिया के बुजुर्ग साहित्यकार भोला नाथ आलोक अपनी पत्नी से किए गए वादों को निभा रहे है. और एक सच्चे प्यार के मिशाल बने हुए है. लानाथ आलोक की पत्नी पद्मा रानी का निधन 32 साल पहले ही हो गया था. लेकिन आज भी अपनी पत्नी की अस्थि कलश को अपने घर के पेड़ पर लटका रखा है.
पूर्णिया के 90 वर्ष के बुजुर्ग साहित्यकार भोलानाथ आलोक की पत्नी पद्मा रानी का निधन 32 साल पहले ही हो गया था. उन्होंने पिछले 32 सालों से अपनी पत्नी के प्यार की निशानी के रूप में उनका अस्थि कलश सिपाही टोला स्थित अपने घर में आम के पेड़ में लटका कर रखा है. वह प्रतिदिन अपनी पत्नी के अस्थि कलश पर आकर गुलाब का फूल चढ़ाते हैं और अगरबत्ती दिखाकर प्रणाम करते हैं. भोलानाथ आलोक का कहना है कि 32 साल पहले उनकी पत्नी का निधन हुआ था तभी उसने लिखित संकल्प लिया कि जिस दिन उनका निधन होगा तब उनकी पत्नी का अस्थि कलश उनके शव के छाती पर डालकर उसका दाह संस्कार किया जाएगा, ताकि उनका प्रेम अजर अमर रहे.
वह आज भी प्रतिदिन अपनी पत्नी को याद करते हैं और उनकी पूजा करते हैं. उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी वैलेंटाइन तो मनाती है लेकिन उन्हें सच्चा प्यार क्या होता है यह सीखना चाहिए. भोलानाथ आलोक के नाती ने कहा कि उनके नाना पिछले 32 सालों से रोज यहां आकर अस्थि कलश को छूकर प्रणाम करते हैं और उसकी पूजा करते हैं. भोलानाथ आलोक पर पुस्तक लिखने वाले साहित्यकार डॉक्टर रामनरेश भक्त का कहना है कि भोलानाथ आलोक का अपनी पत्नी के प्रति अगाध और आत्मीय प्रेम है. वह हम सबों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. उन्होंने कहा कि भोलानाथ आलोक का कहना है कि वह अपनी पत्नी का अस्थि कलश अपने सामने रखे हुए हैं ताकि वह उस प्रेम को प्रतिदिन महसूस कर सकें.