MUZAFFARPUR: मुजफ्फरपुर जिले के काजीमोहम्मदपुर थाना के पावर हाउस चौक पर सिपाही द्वारा डंडे से मारकर अधिवक्ता की आंख फोड़े जाने के मामले की जांच अब मानवाधिकार आयोग करेगी। पीड़ित ने मानवाधिकार के अधिवक्ता एस. के. झा के माध्यम से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली एवं बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग, पटना में याचिका दायर की थी। जिसके बाद अब मामला मानवाधिकार आयोग के पास पहुंचा।
मानवाधिकार आयोग अब इस मामले की जांच करेगी। मानवाधिकार के अधिवक्ता एस. के. झा ने बताया कि यह पूरा मामला मानवाधिकार उल्लंघन के अति गंभीर श्रेणी में आता है। उन्होंने पूरे प्रकरण की जाँच कर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
गौरतलब है कि 7 फरवरी को अधिवक्ता पंकज कुमार रात्रि करीब 11:40 बजे पटना से अपने आवास मुजफ्फरपुर लौट रहे थे तभी पावर हाउस चौक पर पहले से मौजूद काजीमोहम्मदपुर थानाध्यक्ष एवं अन्य पुलिसकर्मी वाहन जाँच के लिए खड़े थे। पुलिसकर्मियों द्वारा उनकी गाड़ी को रोका गया और पूछा गया कि वे कहाँ से आ रहे हैं? जब तक अधिवक्ता कुछ बोल पाते तब तक थानाध्यक्ष द्वारा उन्हें गाली देते हुए पुलिस कर्मियों को उन्हें मारने का आदेश दे दिया गया।
उसके बाद एक पुलिसकर्मी के द्वारा अधिवक्ता पंकज कुमार के आँख में डंडा भोंका गया। वे दर्द से कराहते हुए ज़मीन पर गिर गए। जिसके बाद सभी पुलिसकर्मी वहाँ से भाग निकले। उन्हें तत्काल दुर्गाशंकर के अस्पताल के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। उसके बाद उनका ईलाज ए.एस.जी. हॉस्पिटल में हुआ। तब मालूम चला कि उनकी एक आँख फुट चुकी है। उसके बाद उन्हें एस.के.एम.सी.एच. में भर्ती कराया गया। जहाँ उनके आँख की गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों द्वारा उन्हें आई.जी.आई.एम.एस. पटना या शंकर नेत्रालय जाने को कहा गया। वर्तमान में वे शंकर नेत्रालय कोलकाता में अपने आँख का इलाज करवा रहे हैं।