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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 06 Feb 2024 12:11:27 PM IST
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DESK: उत्तराखंड विधानसभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड सदन में पेश कर दिया है। मुख्यमंत्री द्वारा बिल पेश करने के बाद विपक्षी सदस्यों ने सदन में जोरदार हंगामा किया। जिसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। उत्तराखंड विधानसभा में यूसीसी बिल पास होने के बाद वह कानून बन जाएगा।
इसके साथ ही उत्तराखंड देश में यूसीसी लागू करने वाला पहला राज्य बना जाएगा। सरकार द्वारा सदन में पेश किए गए यूसीसी बील के मसौदे में 400 से अधिक धाराएं शामिलहैं। मार्च 2022 में सरकार गठन के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में ही यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी गयी थी।
उत्तराखंड में यूसीसी कानून लागू होने के बाद बहुत कुछ बदल जाएगा। इसके लागू होने के बाद बहुविवाह पर रोक लग जाएगी। लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र 21 साल तय की जा सकती है। लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए पुलिस में रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों को अपनी जानकारी देना अनिवार्य होगा और ऐसे रिश्तों में रहने वाले लोगों को अपने माता-पिता को जानकारी प्रदान करनी होगी। विवाह पंजीकरण नहीं कराने पर किसी भी सरकारी सुविधा से वंचित होना पड़ सकता है।
वहीं मुस्लिम महिलाओं को भी गोद लेने का अधिकार होगा और गोद लेने की प्रक्रिया सरल होगी। पति और पत्नी दोनों को तलाक की प्रक्रियाओं तक समान पहुंच प्राप्त होगी। नौकरीपेशा बेटे की मृत्यु की स्थिति में बुजुर्ग माता-पिता के भरण-पोषण की जिम्मेदारी पत्नी पर होगी और उसे मुआवजा मिलेगा। पति की मृत्यु की स्थिति में यदि पत्नी पुनर्विवाह करती है तो उसे मिला हुआ मुआवजा माता-पिता के साथ साझा किया जाएगा। अनाथ बच्चों के लिए संरक्षकता की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। पति-पत्नी के बीच विवाद के मामलों में बच्चों की कस्टडी उनके दादा-दादी को दी जा सकती है।