उत्तर बिहार में मंडराया बाढ़ का खतरा, नेपाल में भारी बारिश के बीच बढ़ा गंडक नदी का जलस्तर

उत्तर बिहार में मंडराया बाढ़ का खतरा, नेपाल में भारी बारिश के बीच बढ़ा गंडक नदी का जलस्तर

PATNA : उत्तर बिहार में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। भारी बारिश के बीच नेपाल ने गंडक नदी में पानी छोड़ा है। इसके बाद गोपालगंज में बांधों पर खतरा बढ़ गया है। इधऱ किशनगंज में मूसलाधार बारिश के बीच शहर और ग्रामीण इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गये हैं। अमूमन पूरे उत्तर बिहार में हो रही भारी बारिश के बीच  बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। नदियां उफान पर हैं आपदा प्रबंधन विभाग और जल संसाधन विभाग अलर्ट मोड में है स्थिति पर पल-पल नजर रखी जा रही है। इस बीच मौसम विभाग ने भी आज 19 जिलों के भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।


गोपालगंज जिले में भारी बारिश हो रही है। अगले पांच दिनों तक तेज बारिश के संकेत हैं। वहीं नेपाल के पोखरा और भैरवां में भी अब तेज बारिश हो रही है। पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश और हिमपात से नेपाल बराज लबालब है। ऐसे में गंडक के जलस्तर में आज फिर से भारी वृद्धि होगी। जिले में हो रही मूसलाधार बारिश से रेनकट के चलते बांधों पर खतरा मंडराने लगा है। सुरक्षा को लेकर जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने ग्रामीणों और अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है। सभी तटबंधों पर चौकसी बढ़ा दी गई है।


उधर मिली सूचना के मुताबिक नेपाल में भारी बारिश और हिमालय के तराई क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है। नेपाली मौसम विभाग के मुताबिक भैरवां में 63 और पोखरा में 60 एमएम बारिश हुई है। इससे नेपाल बराज में पानी लबालब हो गया है। नेपाल में 9 जुलाई तक लगातार बारिश की संभावना बताई गई है।वाल्मीकि नगर डैम से गंडक में 85 हजार 500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। आज यह पानी गोपालगंज जिले के गंडक सीमा तक पहुंच गया है।


इधर किशनगंज में मौसम विभाग की 24-26 जून तक भारी बारिश की चेतावनी सही साबित हुई। बुधवार को आधी रात से शुरु हुई बारिश से शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। 24 घंटे में 79 मिमी दर्ज की गई, जो इस माह का एक दिन में सर्वाधिक बारिश है। मौसम अभी भी साफ नहीं हुआ है और रुक-रुक कर बारिश हो रही है।


मुजफ्फरपुर में बागमती, गंडक, बूढ़ी गंडक, गंगा समेत अधवारा समूह की नदियां फिलहाल खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं। लेकिन लगातार हो रही भारी बारिश के बीच आज कई नदियों के लाल निशान से उपर जाने का खतरा बना हुआ है। मुजफ्फरपुर के बेनीबाद में बागमती का जलस्तर 48.26 के साथ लाल निशान के काफी करीब पहुंच चुका है। वाल्मीकिनगर बराज में कल सुबह 83,500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इस कारण पश्चिम चंपारण में सिकरहना और पंडई के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।


उधर कोसी बराज से कल दोपहर 1.25 लाख क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया था। वीरपुर (सुपौल) बराज पर जलस्तर बढ़ने की स्थिति में हैं। बराज और बराह (नेपाल) दोनों जगह जलस्तर बढ़ रहा है। सीतामढ़ी में बागमती नदी का जलस्तर कई स्थानों पर बढ़ रहा है।दरभंगा, मधुबनी में नदियों के जलस्तर में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है। हालांकि मधुबनी में कमला, कोसी, बलान एवं अधवारा समूह की सभी नदियां कल तक खतरे के निशान से नीचे बह रही थी।


मौसम विभाग ने आज सुबह ही  बिहार के गया समेत 19 जिलों के लिए अलर्ट जारी किया। इन जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने  गया, रोहतास, औरंगाबाद, गया, सारण वैशाली, समस्तीपुर, सहरसा, सुपौल मधेपुरा, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज खगडिया, मुंगेर, लखीसराय, जमुई बांका, भागलपुर और  कटिहार  के लिए अलर्ट जारी किया है। इन जिलों के कई हिस्सों में आंधी तूफान के साथ बारिश और वज्रपात की चेतावनी जारी की गई थी।


बता दें कि बिहार में गुरुवार को आकाशीय बिजली गिरने और आंधी-तूफान से भारी तबाही हुई। बिजली गिरने से बिहार में 83 लोगों की मौत हो गई। जबकि कई लोग झुलस गए। बिहार के 23 जिलों में आकाशीय बिजली गिरने से मौत हुई है। सबसे ज्यादा मौत गोपालगंज में हुई जहां पर 13 लोग मारे गए। जबकि मधुबनी और नवादा में 8-8 लोग मारे गए। इस घटना को लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी अपनी संवेदना जाहिर की वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मृतकों के आश्रित को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने का एलान किया गया है।