PATNA: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी पार्टी जेडीयू के नंबर टू नेता यानि संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के किसी सवाल का जवाब नहीं दे पाये. उपेंद्र कुशवाहा ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर कई बातों का खुलासा किया था. कुशवाहा ने कहा था कि जो बातें वे कह रहे हैं अगर वे ग़लत हैं तो नीतीश कुमार अपने बेटे की क़सम खा लें. कुशवाहा ने कहा था कि वे भी अपने बेटे की क़सम खाने को तैयार है।
कुशवाहा की धमाकेदार प्रेस कांफ्रेंस के बाद नीतीश कुमार मीडिया से रूबरू हुए. उनसे कुशवाहा के आरोपों पर जवाब माँगे गये. नीतीश एक भी आरोप का सही से जवाब नहीं दे पाये. बता दें कि कुशवाहा ने कहा था कि वे खुद जेडीयू में आते जाते नहीं रहे हैं. बल्कि नीतीश आरज़ू मिन्नत कर बुलाते रहे हैं. कुशवाहा ने कहा था कि 2009 में नीतीश कुमार ने सार्वजनिक सभा में ये गुहार लगायी थी मैं उनके साथ आ जाऊँ. बाद में जब मैं अलग हो गया तो 2021 में फिर नीतीश कुमार ने खुद कॉल किया और अपनी पार्टी के नेताओं को मेरे पास भेजा था. कुशवाहा ने कहा कि पार्टी में शामिल कराने के बाद नीतीश ने कभी नोटिस नहीं लिया. एक महीने पहले जब मैंने उनसे कहा कि पार्टी कमजोर हो रही है तो नीतीश कुमार ने कहा कि आप बीजेपी की बात कर रहे हैं।
नीतीश का जवाब जानिये
कुशवाहा की प्रेस कॉन्फ़्रेंस के बाद जब नीतीश कुमार से ये सारे सवाल पूछे तो उनके तेवर हूँ बदले हुए थे. नीतीश पिछले 5-6 दिनों से हर रोज़ उपेंद्र कुशवाहा पर बोल रहे थे. लेकिन आज उनका जवाब था- हम तो इन बातों पर बोलते ही नहीं हैं. हम तो बार बार कहे हैं कि हम नहीं बोलेंगे. आपलोग ही पूछते रहते हैं. हम तो परहेज़ ही करते रहे हैं बोलने से. हमने बार बार कहा है कि इन सब बात का कोई मतलब नहीं है. जिन लोग को कुछ बात है उन्हें पार्टी में बात करने चाहिये. बाक़ि किसी को कुछ लगता है तो जो जैसा चाहे वैसा करे।
नीतीश बोले- वो तो 7-8 महीना ट्राई किया हमारी पार्टी में आने के लिए , हमने सब लोगों से बात किया और फिर कहा ठीक है-आ जाओ. अच्छा काम भी कर रहा था और अब अचानक से देख रहे हैं कि क्या क्या बोल रहा है किसी पॉलिटिकल पार्टी में कोई बात होती है तो आपस में बात होती है कोई ट्वीट करता है और प्रेस कांफ्रेंस करता है।
पत्रकारों ने सवाल पूछा कि उपेंद्र कुशवाहा कह रहें कि आपने फ़ोन कर जेडीयू में आने की मिन्नत की थी. नीतीश सवाल टाल गये. पत्रकारों ने फिर पूछा कि 2009 में भी आपने ही सार्वजनिक सभा में उपेंद्र कुशवाहा से साथ आने की गुहार लगायी थी. नीतीश कुमार ने कोई जवाब नहीं दिया. नीतीश कुमार अपनी बात कहते रहे- उसको MLA कौन बनाया, राज्यसभा कौन भेजा, अभी MLC कौन बनाया. दूसरी पार्टी से सिर्फ़ एक बार MP बना. नीतीश भूल गये कि उपेंद्र कुशवाहा केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे हैं।
क़सम खाने से भागे नीतीश
पत्रकारों ने सवाल पूछा कि उपेंद्र कुशवाहा कह रहे हैं कि अगर मेरी बातें ग़लत है तो नीतीश अपने बेटे की क़सम खा लें. मैं भी क़सम खाने को तैयार हूँ. नीतीश ने बात ही बदल दी. कहा- क्या बोल रहा है, इसका कोई मतलब है. इसमें संतान की कोई बात है. नीतीश अचानक से अपने काम पर आ गये. सवाल पूछ रहे पत्रकार से कहा- आप तो नयी पीढ़ी के हैं. पुराने लोगों से पूछ लीजिये हम लोग क्या काम किये हैं।
कुशवाहा से स्नेह और प्यार
दिलचस्प बात ये रही कि उपेंद्र कुशवाहा पर सब बोल कर नीतीश ये भी कहते रहते कि वे उनसे प्यार करती भी करते हैं. नीतीश ने कहा- हमको तो आश्चर्य लग रहा है कि हम इतना स्नेह करते हैं प्रेम करते हैं कि कोई चला भी जाता है तो बुरा नहीं सोचते हैं. फिर भी मेरे बारे में सवाल उठते हैं.
उपेंद्र कुशवाहा की हैसियत नहीं
पत्रकारों के साथ बातचीत में नीतीश कुमार ने कम से कम आधा दर्जन दफे ये कहा कि उपेंद्र कुशवाहा की बातों का जेडीयू में कोई वैल्यू नहीं. नीतीश बार बार कहते रहे-जेडीयू के लिए इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है. वो तो मेरी इच्छा पर पार्टी में शामिल हुए पार्टी के दूसरे लोग तो विरोध ही कर रहे थे. वो अपनी मर्ज़ी से गये अपनी मर्ज़ी से आये पार्टी के लिए इसका कोई मतलब नहीं है
अगर हम इतना कमज़ोर थे तो क्यों आये थे 2021 में. पार्टी को इससे कोई मतलब नहीं है. पार्टी तो पूरे बिहार में बहुत आगे बढ़ गयी है. हमारा सदस्यता अभियान और बढ़ गया. और ये सब को पता है कि हम क्यों इतना कम सीट क्यों लाये 2020 में. वो तो बीजेपी ने धोखा दिया था.
मुझे बिहार में अपार समर्थन
नीतीश ने कहा कि उन्हें उपेंद्र कुशवाहा और उनकी बातों से कोई मतलब नहीं है. आज से पत्रकार सवाल पूछेंगे तो जवाब नहीं देंगे. नीतीश बोले- मैं तो जनता के बीच जा रहा हूँ और मुझे अपार समर्थन मिल रहा है. सारे लोग आ रहे हैं. जाकर देख लीजिए.