PATNA : विधानसभा उपचुनाव में प्रचार के लिए निकले तेजस्वी यादव अब चुनावी जनसभा में भीड़ देखकर उत्साहित नहीं होते। तेजस्वी भीड़ से ज्यादा अब इस बात पर फोकस कर रहे हैं कि उनकी पार्टी का उम्मीदवार चुनाव कैसे जीते। तेजस्वी यादव ने इसके लिए वोट मैनेजमेंट पर अपना पूरा ध्यान लगा दिया है।
दरअसल तेजस्वी यादव पिछले लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की दुर्दशा देख चुके हैं। लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान तेजस्वी यादव को हर जगह समर्थकों की भीड़ दिखी थी। चुनावी जनसभा में युवाओं की बड़ी मौजूदगी के बावजूद पार्टी का बिहार में खाता तक नहीं खुला। इस करारी हार के बाद तेजस्वी यादव अज्ञातवास पर चले गए थे और आत्म चिंतन के बाद तेजस्वी इस बात को समझ पाए कि उनकी चुनावी जनसभा में भीड़ होने के बावजूद लोगों ने पार्टी को वोट नहीं दिया।
लोकसभा चुनाव से सीख लेने के बाद उपचुनाव में तेजस्वी यादव अब प्रचार के दौरान भीड़ का अभिवादन तो करते हैं लेकिन वह इसे जीत की गारंटी नहीं मानते। चुनावी जनसभा से तेजस्वी लगातार बिहार की एनडीए सरकार पर निशाना भी साध रहे हैं लेकिन प्रचार कार्यक्रम थमने के बाद तेजस्वी हर विधानसभा क्षेत्र में ऐसे नेताओं से वन टू वन मुलाकात कर रहे जो आरजेडी कैंडिडेट के लिए वोटों का जुगाड़ कर सकते हैं। तेजस्वी का नया स्टाइल उनके पिता आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मिलता जुलता है। तेजस्वी अब समझ चुके हैं की चुनावी रैली में आकर उन्हें सुनने वाला हर शख्स आरजेडी का वोटर नहीं है, अगर चुनाव जीतना है तो उसके लिए वोट मैनेजमेंट पर ध्यान केंद्रित करना होगा। हालांकि तेजस्वी यादव अपने इस प्रयास में कितना सफल हो पाते हैं यह तो विधानसभा उपचुनाव का परिणाम ही बताएगा।