PATNA : बिहार भाजपा को आखिकार वह मुकाम हासिल हो गया।जिसके लिए वह पिछले कई सालों से प्रयास कर रही थी। अब भाजपा बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। इसने राजद को पीछे छोड़ दिया है। अब भाजपा के पास कुल विधायकों की संख्या सदन के अंदर 80 हो गई है। इसके साथ ही वह बिहार की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है।
दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2020 से लेकर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले तक सूबे के अंदर 7 बार उपचुनाव हो चुके हैं। इसके बाद अब भाजपा सदन के अंदर सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। बिहार विधान मंडल का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होने वाला है। इसमें बदली हुई तस्वीर दिखेगी। उपचुनाव का असर भी देखने को मिलेगा।
17वीं विधानसभा में यह 7 वां मौका रहा, जब बिहार विधानसभा उपचुनाव कराए गए। इससे पहले विधानसभा की 9 सीटों पर 6 बार उपचुनाव हो चुके हैं। अब से पहले तारापुर, कुशेश्वर स्थान, बोचहां, कुढ़नी, मोकामा, गोपालगंज, अगिआंव और रूपौली की सीट पर उपचुनाव हुए। 2020 के बाद से चार विधायकों का निधन हो चुका है, इस वजह से भी उपचुनाव हुए, तीन विधायकों की विधायकी सजा पाने की वजह से गई। एक विधायक ने स्वेच्छा से इस्तीफा दिया।
मालूम हो कि तारापुर और कुशेश्वर स्थान विधानसभा में 2020 के बाद पहला उपचुनाव हुआ था। तारापुर के जेडीयू विधायक मेवालाल चौधरी का निधन हो गया था। इसके अलावा कुशेश्वर स्थान में जेडीयू विधायक शशि भूषण हजारी का निधन हेहुआ। उसके बाद उपचुनाव हुआ और जेडीयू ने दोनों सीटें बचा लीं। उसके बाद बोचहां से वीआईपी पार्टी के विधायक मुसाफिर पासवान का निधन के बाद उपचुनाव हुए। तीसरा उपचुनाव 2022 में गोपालगंज और मोकामा में गोपालगंज से बीजेपी के विधायक सुभाष सिंह का निधन और मोकामा में आरजेडी विधायक अनंत सिंह को 10 साल की जेल की सजा होने से अयोग्य करार देने के बाद हुआ।
इधर, चौथा उपचुनाव कुढ़नी में कुढ़नी विधानसभा सीट से आरजेडी विधायक रहे अनिल सहनी को एमपी-एमएलए कोर्ट से अयोग्य ठहराए जाने के बाद यहां उपचुनाव कराया गया। इसमें बीजेपी के केदार गुप्ता ने जेडीयू के मनौज कुशवाहा को हराया। पांचवां उपचुनाव अगिओव में अगिआंव के माले विधायक मनोज मंजिल को हत्या के मामले में सजा होने के बाद यहां उपचुनाव कराया गया। माले ने अपनी सीट बचा ली। छठा उपचुनाव रूपौली में यहां की विधायक बीमा भारती ने जेडीयू छोड़ आरजेडी के टिकट पर मधेपुरा से लोकसभा का चुनाव लड़ने के बाद हुआ। यहां उपचुनाव में निर्दलीय शंकर सिंह ने आरजेडी की बीमा भारती को हरा दिया।