UPA सरकार की जनगणना पर भी नीतीश ने उठाए सवाल, बोले.. बिहार इस मामले में मिसाल बनेगा

UPA सरकार की जनगणना पर भी नीतीश ने उठाए सवाल, बोले.. बिहार इस मामले में मिसाल बनेगा

PATNA : बिहार में जातीय जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से कई महत्वपूर्ण बातें कहीं हैं। नीतीश कुमार ने आज जनता दरबार कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में कहा है कि बिहार जातीय जनगणना के मामले में एक मिसाल बनने वाला है। इतना ही नहीं नीतीश ने यूपीए सरकार की तरफ से करायी गई जनगणना पर भी सवाल खड़े किये। 


सीएम नीतीश ने कहा है कि जो जनगणना कराई गई उसका ना तो कोई प्रारूप सामने आया और कई तरह की उसमें खामियां भी रहीं। नीतीश कुमार ने साल 2010-11 में कराई गई जनगणना को लेकर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि इस बार बिहार सरकार जिस तरीके से गणना कराने जा रही है उसमे सारा डाटा उपलब्ध रहेगा।


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहारी चाहे बिहार में हो या फिर बिहार से बाहर सभी की गणना की जाएगी। प्रवासी बिहारियों के बारे में भी पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराया जाएगा। जाति का आंकड़ा भी उपलब्ध होगा। यह सब के काम आने वाला है। नीतीश कुमार ने कहा कि हमने अपने संसाधन से इसे कराने का फैसला किया है। अभी ब्लू प्रिंट तैयार करने में तकरीबन एक महीने का समय लगेगा। उसके बाद इसे जमीन पर ले जाया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग को जातीय जनगणना से जोड़ने के पीछे भी नीतीश कुमार ने अपना मकसद बताया है।


सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार में जातिगत गणना बेहतर ढंग से किया जाएगा। हम भी चाहते हैं कि खूब अच्छे ढंग से यह हो। यदि कोई व्यक्ति रिटायर हो गया है और वह अच्छा काम करने वाला हो तो उन्हें भी इस काम में लगाया जाएगा। पहले जो जनगणना काम कर चुके हैं उन्हें भी इस काम में लगाया जाएगा। हम चाहेंगे की जातिगत गणना जल्द हो जाए। वही जनसंख्या नियंत्रण कानून पर उन्होंने कहा कि जहां महिलाएं शिक्षित रहेगी वहां जनसंख्या नियंत्रित रहेगी।