DESK: पशुपालन फर्जीवाड़े में फरार चल रहे डीआईजी अरविंद सेन संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध ने 50 हजार का इनाम घोषित कर दिया है. यह इनाम पहले 25 हजार रुपए था, लेकिन इसको अब दोगुना कर दिया गया है. फरार डीआईजी को अगस्त 2020 में सस्पेंड कर दिया गया था.
करोड़ों का घोटाला का आरोप
अरविंद सेन पर पशुपालन विभाग में करोड़ों रुपए का घोटाला करने का आरोप है. जिसके बाद से वह फरार हो गए है. अरविंद पर गैर जमानती वॉरंट भी जारी किया गया है. उन पर पशुपालन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर पैसे हड़पने समेत कई गंभीर आरोप है.
संपत्ति कुर्की का आदेश
अरविंद सेन की कुल संपत्ति की कुर्की करने का आदेश कोर्ट ने 24 दिसंबर 2020 को दिया था. इसके साथ ही उनको भगोड़ा घोषित कर दिया. हजरतगंज पुलिस ने उनके लखनऊ के गोमतीनगर के विराटखंड स्थित अरविंद के घर पर कुर्की का नोटिस भी चस्पा किया था. इस कड़ी में पुलिस ने गोमतीनगर में उनके फ्लैट के अलावा अयोध्या और अम्बेडकरनगर में एक दर्जन से अधिक चल-अचल संपत्ति चिह्नित की. कई संपत्तियों की जांच की जा रही है.
कारोबारी ने 10 करोड़ हड़पने का किया था केस
13 जून 2020 को इंदौर के कारोबारी मंजीत भाटिया ने हजरतगंज कोतवाली में 10 करोड़ हड़पने का 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसके बाद पशुधन घोटाले में पशुधन राज्यमंत्री जयप्रताप निषाद के निजी प्रधान सचिव रजनीश दीक्षित, निजी सचिव धीरज कुमार देव, इलेक्ट्रॉनिक चैनल के पत्रकार आशीष राय, अनिल राय, कथित पत्रकार एके राजीव, रूपक राय और उमाशंकर को 14 जून को गिरफ्तार किया गया था. एसटीएफ के मुताबिक पीड़ित मंजीत ने सीबीसीआईडी के तत्कालीन एसपी अरविंद सेन (अब डीआईजी) पर इन लोगों से मिलीभगत कर धमकाने का आरोप लगाया था. सभी सचिवालय में पशुपालन विभाग का फर्जी दफ्तर बनाकर फर्जीवाड़ा किया था.