उपचुनाव में हार के बाद BJP प्रदेश अध्यक्ष ने दिखाया नीतीश को आईना, कहा- 2020 के पहले अपनी कार्यशैली सुधार लीजिये

PATNA: बिहार में विधानसभा की पांच सीटों पर हुए उप चुनाव में एनडीए की करारी हार के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने नीतीश कुमार को फिर से आईना दिखाया है. संजय जायसवाल ने सूबे में सरकार के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़ा किये हैं. उन्होंने कहा है कि उपचुनाव के नतीजे को ठंढ़े बस्ते में डालने के बजाय सरकार को अपने काम की समीक्षा करने की जरूरत है. 

BJP और JDU दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने विद्रोह कर दिया

संजय जायसवाल ने कहा है कि दरौंदा में जदयू उम्मीदवार की हार को भाजपा कार्यकर्ताओं का विद्रोह बताया जा रहा है. जबकि वहां सिर्फ भाजपा नहीं बल्कि जदयू और भाजपा दोनों के कार्यकर्ताओं ने विद्रोह कर दिया था. दरौंदा जैसा ही हाल बेलहर में भी होने वाला था. लेकिन बेलहर में भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को समझाने में सफल हुई. 

सरकारी भ्रष्टाचार पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का सवाल

संजय जायसवाल ने पूछा है कि क्या कारण है कि गोपालगंज में जदयू के पूर्व विधायक सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ धरना पर बैठ रहे हैं. अगर यही काम किसी भाजपा नेता ने किया होता तो उसे पार्टी से निकालने का दबाव होता. भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि बिहार का उप चुनाव NDA को अपने कार्यशैली के बारे में पुनः आकलन करने की जरूरत बता रहा है. उनके मुताबिक आज भी लोकसभा के परिणाम उसी तरह हुए जैसे 4 महीना पहले हुए थे. लेकिन विधानसभा के चुनाव का नतीजा बिल्कुल अलग है. इसे ठंडे बस्ते में डालने की नहीं बल्कि क्या कमी रह गई उस पर ध्यान देने की जरूरत है. भाजपा अध्यक्ष ने पूछा है कि क्या कारण है कि उपचुनाव तो उत्तर प्रदेश में भी हुए और वहां एनडीए 80% सीटें जीतने में सफल हुई. फिर बिहार में ऐसा क्या हुआ कि जिनके समय में शाम 5 बजे के बाद कोई व्यक्ति घर से बाहर नहीं निकलता था वह भी दो स्थानों पर जीत गए.

सरकार में भाजपा-जदयू कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनी जा रही

संजय जायसवाल ने इशारों में ही सही ये कह दिया है कि नीतीश सरकार में जदयू और भाजपा कार्यकर्ताओं की सुनी नहीं जा रही है. उन्होंने बिहार में कानून-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किये हैं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 2010 में NDA तीन चौथाई से ज्यादा बहुमत प्राप्त करने में सफल हुआ था. इसके कई कारण थे लेकिन जो सबसे महत्वपूर्ण कारण था वो ये था कि बिहार की कानून व्यवस्था भारत में उस समय सर्वश्रेष्ठ थी और हर प्रखंड में भाजपा और जदयू कार्यकर्ताओं की हिस्सेदारी थी. इससे प्रशासन मे नीचे के स्तर पर आम जनता का काम हो जाता था. संजय जायसवाल ने कहा कि आज इन दोनों मसलों पर आत्म विवेचना की जरूरत है.

जाहिर है भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने इशारों में ही कई बातें कह दी है. सरकार भ्रष्टाचार की चपेट में है. बिहार में लॉ एंड आर्डर बिगड़ गया है और सरकार में कार्यकर्ताओं की सुनी नहीं जा रही. हालांकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का ये बयान उनके ही डिप्टी सीएम सुशील मोदी के दावों के ठीक विपरीत है. लेकिन प्रदेश अध्यक्ष की बातों को ही भाजपा का आधिकारिक स्टैंड माना जा सकता है.