यूक्रेन से बिहार लौटी छात्रा ने खोली एयरलाइंस कंपनियों की पोल, बताया कैसे उठाते हैं मज़बूरी का फायदा

यूक्रेन से बिहार लौटी छात्रा ने खोली एयरलाइंस कंपनियों की पोल, बताया कैसे उठाते हैं मज़बूरी का फायदा

DARBHANGA : यूक्रेन में रूस के हमले के बाद वहां हजारों भारतीय फंसे हैं। ऐसे में दरभंगा के राजकुमार गंज की रहने वाली अंजली के घर पहुंचने पर परिवार वालों ने भी राहत की सांस ली। दरअसल, अंजली पिछले वर्ष दिसंबर माह में ही मेडिकल की पढ़ाई के लिये यूक्रेन गई थी। लेकिन वर्तमान में रूस के साथ यूक्रेन के तनातनी और युद्ध के डर के बीच अंजली ने यूक्रेन से सही समय पर निकल गई और अब वह दरभंगा में अपने परिवार के बीच सुरक्षित महसूस कर रही है।


वहीं अंजली ने कहा कि यूक्रेन से भारत आने में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अंजली ने कहा कि पहली फ्लाइट में उंसे कागजी कमी का हवाला देकर फ्लाइट में नहीं बैठने दिया गया। फिर उन्होंने तत्काल दूसरी फ्लाइट में ऊंचे कीमत पर टिकट खरीदा। फिर दुबई के रास्ते दिल्ली पहुंची और अपने घर पहुंची। अंजली ने बताया कि जब वे यूक्रेन से निकली थी तब युद्ध की आशंका थी। 


ऐसे में अंदर से बेहद डर लगा रहा था। लेकिन उन्हें इस बात कि खुशी है कि वह सुरक्षित घर पहुंच गई। लेकिन उनका मन अब भी यह सोच कर दुखी हो जाता है कि अभी भी वहाँ हजारों में भारतीय छात्र फंसे हुए है। जिसे वहां से वापस लाने की आवश्यकता है। वहीं उन्होंने भारत सरकार से गुहार लगाया कि यूक्रेन में फंसे हुए सभी छात्र छात्राओं को वापस लाया जाए।


वही अंजली की माता हेमलता देवी ने अपनी बेटी के घर वापसी पर खुशी जताते हुए कहा कि जबतक अंजली घर नहीं पहुंची थी, मन में कई तरह की बात चल रही थी। अब जबकि हमारी लाडली घर पहुंच गई तो मन को शांति मिली है। वहीं उन्होंने भी भारत सरकार से आग्रह किया कि अब बाकी फंसे बच्चे को भी सरकार किसी तरह निकालने का प्रयास करे तब और ज्यादा खुशी होगी।