ब्रेकिंग न्यूज़

वैशाली में कोचिंग जा रही छात्रा से छेड़खानी, केस वापस लेने का दबाव, पूरे परिवार को जान से मारने की दी धमकी पुल निर्माण के दौरान मिट्टी धंसने से 10 वर्षीय किशोर की दर्दनाक मौत, बकरी चराने के दौरान हादसा BIHAR: निषाद आरक्षण पर राजनीति तेज, VIP ने BJP पर जनता को बरगलाने का लगाया आरोप मुजफ्फरपुर में बेपटरी हुई मालगाड़ी, बाल-बाल बचा रेल कर्मी, ट्रेनों का परिचालन बाधित Bihar News: नहाने के दौरान डूबने से दो लड़कियों की मौत, दादा को खाना पहुंचाने गई थीं दोनों बच्चियां आरा में 22 जून को 'संत सम्मेलन' का आयोजन, जन जागरण सेवा कल्याण संस्थान का कार्यक्रम JDU विधायक के भांजे की हत्या का खुलासा, मुख्य आरोपी गिरफ्तार, प्रॉपर्टी के लिए छोटे भाई ने घटना को दिया था अंजाम Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस IOCL में प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ आमरण अनशन, पूर्वी क्षेत्र के सभी लोकेशनों पर विरोध प्रदर्शन जारी

2 रुपये वसूली करते SP ने 5 पुलिस वालों को पकड़ा था, 37 साल बाद आया कोर्ट का फैसला, सभी को किया गया बरी

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 03 Aug 2023 08:05:26 AM IST

2 रुपये वसूली करते SP ने 5 पुलिस वालों को पकड़ा था, 37 साल बाद आया कोर्ट का फैसला, सभी को किया गया बरी

- फ़ोटो

BEGUSARAI: 5 पुलिसकर्मियों को ट्रक चालक से 2 रुपये की अवैध वसूली करते एसपी ने रंगेहाथ पकड़ा था। जिसके बाद इन सब के खिलाफ बेगूसराय के मुफ्फसिल थाने में केस भी दर्ज किया गया था। मामला कोर्ट में जाने के बाद सुनवाई हुई। 37 साल बाद इस मामले में कोर्ट ने फैसला आया। इन पुलिसकर्मियों को रिहा किया गया है।


 मामला 10 जून 1986 का है जो बेगूसराय के लाखो पोस्ट से जुड़ा हुआ है। इस चेक पोस्ट पर पांच पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी थी। इनके बारे में एसपी को यह सूचना मिली थी कि वाहनों से पुलिसकर्मी अवैध वसूली करते हैं। फिर क्या था एसपी खुद मौके पर पहुंच गये और पुलिस कर्मियों को दो रुपये की अवैध वसूली करते रंगेहाथ पकड़ लिया। मामला कोर्ट में भी पहुंच गया। जिस पर 37 साल बाद फैसला आया। 


इन सभी पुलिस कर्मियों को भागलपुर के विजिलेंस कोर्ट के विशेष जज सह एडीजे-2 की अदालत ने बरी कर दिया। इन पुलिसकर्मियों के नाम कैलाश शर्मा, रामरतन शर्मा, राम बालक राय, ग्यानी शंकर सिंह और युगेश्वर महतो हैं। इन सभी पर वाहनों से अवैध वसूली करने का आरोप था। बेगूसराय के तत्कालीन नगर अंचल निरीक्षक सरयुग बैठा ने केस दर्ज कराया था।


सरयुग बैठा ने बताया था कि वे लाखो पेट्रोल पंप के पास जब पहुंचे थे तब वहां बेगूसराय के तत्कालीन एसपी अरविंद वर्मा ने बताया कि लाखो पोस्ट पर प्रतिनियुक्त जवान वाहनों से अवैध वसूली कर रहे हैं। एसपी ने मामले की जांच की बात कही। इसलिए वे वहां चले गये। उसके बाद वहां से गुजर रहे एक ट्रक को रोका गया जिसमें खुद एसपी साहब बैठ गए। एसपी ने दो रुपये के एक नोट पर हस्ताक्षर कर खलासी को दिया था।


 पोस्ट पर पहुंचने पर वहां प्रतिनियुक्त पुलिस कर्मियों ने  बैरियर को खोला। वहीं खलासी ट्रक से उतरकर एसपी का साइन किया हुआ दो रुपये का नोट होमगार्ड जवान रामरतन शर्मा को दे दिया। जिसके बाद ट्रक के खलासी ने एसपी को बताया कि जो दो रुपया आप दिये थे साहब वो पुलिसवाले ले लिये हैं। जिसके बाद ट्रक पर सवार एसपी सहित अन्य पुलिसकर्मी नीचे उतरे और जवानों की तलाशी लेनी शुरू कर दी। 


जब पुलिस कर्मी की तलाशी ली गयी तब रामरतन शर्मा के पास से कुल आठ रुपये निकला था। जिसमें दो रुपये का वह नोट भी था जिसपर एसपी का साइन किया था। एसपी ने दो रुपये की अवैध वसूली करते पुलिसकर्मियों को रंगेहाथ पकड़ लिया। जिसके बाद पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुफ्फसिल थाने में केस दर्ज कराया गया। मामला कोर्ट में गया और अब 37 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया है। इन सभी पुलिसकर्मियों को रिहा किया गया है।