1st Bihar Published by: Updated Sun, 03 Jan 2021 10:15:57 AM IST
- फ़ोटो
DESK : तीन तलाक कानून के तहत आरोपी को अग्रिम जमानत देने पर कोई रोक नहीं है. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि लेकिन इसके साथ कोर्ट को अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार करने से पहले याचिकाकर्ता महिला का भी पक्ष सुनना होगा.
बता दें कि तीन तलाक कानून पास होते ही मुस्लिमों में एक ही बार में 'तीन तलाक कहकर शादी तोड़ देने की प्रथा दंडनीय अपराध के दायरे में आ गई है. जिसके तहत अब पति को तीन साल तक जेल के साथ ही साथ जुर्माने का भी प्रावधान है.
इसे लेकर ही एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायक की गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा, ''उपरोक्त कारणों से, हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि कानून की धारा 7(सी) तथा सीआरपीसी की धारा 438 को कायम रखते हुए इस कानून के तहत अपराध के लिए आरोपी को अग्रिम जमानत याचिका देने पर कोई रोक नहीं है, हालांकि अदालत को अग्रिम जमानत देने से पहले शिकायतकर्ता विवाहित मुस्लिम महिला की बात भी सुननी होगी'