PATNA: बिहार में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयत्नशील है। इसको लेकर सरकार और उद्योग विभाग लगातार काम कर रहे हैं। उद्योगों के विकास के लिए सरकार ने बिहार वासियों को एक बड़ी सौगात दिया है। गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने बिहार टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी 2022 को मंजूरी दे दी। बिहार में टेक्सटाइल और लेदर उद्योगों की तेजी से स्थापना हो, इसके लिए ने कई प्रोत्साहन सुविधाओं का ऐलान किया है।
बिहार सरकार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि राज्य में टेक्सटाइल और लेदर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार देश की सबसे बेहतर पॉलिसी तैयार की है। उन्होंने कहा इस पॉलिसी के तहत पूंजीगत अनुदान, रोजगार अनुदान, विद्युत अनुदान, फ्रेट अनुदान, पेटेंट अनुदान समेत कई तरह की इंसेंटिव्स का प्रावधान किया गया है। जिससे देश भर के टेक्सटाइल और लेदर उद्योग से जुड़े कारोबारियों, उद्योगपतियों को बिहार में उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और बिहार देश का टेक्सटाइल और लेदर उद्योगों का हब बन सकेगा।
उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बिहार टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी 2022 को स्वीकृति मिली है। ये भी खुशी की बात है कि उद्योग विभाग से उनका विशेष लगाव है और उनका पूरा सहयोग मिलता रहा है। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी 2022 को लेकर भी मुख्यमंत्री बेहद उत्साहित हैं।
उद्योग मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कपड़ा और चमड़ा बाजार में जबरदस्त अवसर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वैश्विक कपड़ा बाजार की संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए पूरे देश में प्रयास चल रहे हैं। बिहार टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी 2022 की मदद से हम भी राज्य के औद्योगिकीकरण और बिहार में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन के संकल्प को पूरा करने के साथ बिहार को कपड़ा और लेदर उत्पादन का हब बनाकर देश के मिशन में भी सहभागिता निभाएंगे और अंतर्राष्ट्रीय कपड़ा बाजार में मौजूद अवसरों का लाभ बिहार को मिलेगा।
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार में टेक्सटाइल और चमड़ा या इससे संबंधित उद्योग लगाने वालों को 10 करोड़ तक का पूंजीगत अनुदान मिलेगा तो सिर्फ 2 रुपए प्रति युनिट पॉवर टैरिफ का भी लाभ दिया जाएगा। सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि विद्युत दर अनुदान के माध्यम से बिहार में लगने वाली औद्योगिक ईकाईयों को प्रतिस्पर्धात्मक विद्युत दर उपलब्ध कराना मकसद है और ये बेहद जरुरी था।
उद्योग मंत्री ने ये भी कहा कि कपड़ा या चमड़ा उद्योग श्रम शक्ति प्रधान उद्योग है इसलिए इसमें 5000 रुपए प्रति कामगार रोजगार अनुदान का भी प्रावधान किया गया है जो औद्योगिक इकाईयों के लिए काफी मददगार साबित होगा। इसके अलावा ऋण पर 10 प्रतिशत तक का ब्याज अनुदान, एसजीएसटी का 100 फीसदी रीइंम्बर्समेंट, सभी पात्र ईकाईयों को प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष 20 हजार रुपए का कौशल विकास अनुदान, स्टैम्प शुल्क/निबंधन पर 100 फीसदी की छूट, भूमि सम्परिवर्तन पर भी 100 फीसदी की छूट जैसे कई प्रावधान हैं जो बिहार में औद्योगिक ईकाईयों की स्थापना को प्रोत्साहित करेंगे।
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार के तेज औद्योगिकीकरण के लिए 10 लाख तक प्रति वर्ष फ्रेट सब्सिडी और 10 लाख प्रति पेंटेट के हिसाब से पेंटेट सब्सिडी का भी प्रावधान बिहार टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी 2022 में है। इस पॉलिसी के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 30 जून 2023 रखी गई है। मंत्री ने कहा कि टेक्सटाइल और लेदर उद्योगों के लिए बिहार बेहतरीन डेस्टिनेशन है । उन्होंने कहा कि बिहार की 53 फीसदी आबादी 35 साल से कम आयु की है यानी उद्योगों की सफलता के लिए बिहार में पर्याप्त युवा और प्रशिक्षित श्रम शक्ति है।
उद्योग मंत्री ने कहा कि बिहार टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी 2022 को कैबिनेट से मंजूरी का इंतजार था। पूरे देश में इसे प्रसारित कर टेक्सटाइल और लेदर सेक्टर के देश भर के बड़े उद्योगपतियों को हम बिहार में उद्योगों की स्थापना के लिए आमंत्रित करेंगे। उन्होंने कहा कि पूरा विश्वास है कि बिहार टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी 2022 बिहार में टेक्सटाइल व लेदर उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देने में बेहद कारगर रहेगा और बिहार उद्योग क्षेत्र में पहचान बनाने में कामयाब रहेगा।
उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार व्यक्त करने के साथ बिहार के उद्योग जगत से जुड़े लोगों और सभी राज्यवासियों का भी धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि बिहार में इस वक्त जो उद्योग का बेहतरीन माहौल बना है, उसमें हर किसी का योगदान है और सबके सहयोग से बिहार उद्योग क्षेत्र में पहचान बनाएगा।