PATNA : आपराधिक मानहानि केस में आज बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ अहमदाबाद की मेट्रो कोर्ट में सुनवाई होगी। इस सुनवाई के दौरान अदालत तमाम सबूत और तथ्यों की जांच के बाद इस बात पर निर्णय लेगी कि तेजस्वी यादव के खिलाफ मानहानि का केस बनता है या नहीं। इसके बाद अगर मामला मानहानि का बना तो इनको समन जारी हो सकता है। तेजस्वी पर गुजरातियों को ठग बताने का आरोप है। इससे पहले इस मामले में पिछली सुनवाई एक मई को हुई थी।
दरअसल, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर आरोप है कि उन्होंने बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए गुजरातियों को ठग कहा था। तेजस्वी यादव ने कहा था, 'वर्तमान में जो हालात हैं, उसे देखा जाए तो सिर्फ गुजराती ही ठग होते हैं और उनको माफ भी कर दिया जाता है'। ये बात उन्होंने तब कही थी जब बैंकों का पैसा लेकर भागने वाले हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का नाम इंटरपोल के रेड नोटिस से हटा दिया गया था। हालांकि बाद में तेजस्वी ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने सभी गुजरातियों को ठग नहीं कहा था बस उनकी यह बातें कुछ लोगों के लिए थी।
वहीं, इसके बाद तेजस्वी के खिलाफ कारोबारी हरेश मेहता ने अपर मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट डीजे परमार की कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। तेजस्वी के खिलाफ 21 मार्च को आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई के लिए एक मई की तारीख तय की थी। हालांकि बाद में 8 मई को अगली सुनवाई की तिथि मुकर्रर की गई और अब आज इस मामले में सुनवाई होनी है।
जानकारी हो कि, इस मामले में 1 मई को पहली सुनवाई अहमदाबाद की मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में हुई थी। एडीशिनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट डी जे परमार ने मानहानि केस की पहली सुनवाई में शिकायतकर्ता हरेश मेहता का बयान रिकॉर्ड करवाया था। अगर अहमदाबाद कोर्ट की तरफ से राष्ट्रीय जनता दल और डिप्टी सीएम को समन जारी किया जाता है तो यह मानहानि का तीसरा केस होगा, जिसमें गुजरात के बाहर के किसी नेता को कोर्ट में तलब किया जाएगा।
आपको बताते चलें कि. राहुल गांधी मानहानि के केस में दो साल की सजा के बाद हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं तो वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के सांसद संजय सिंह के खिलाफ गुजरात यूनिवर्सिटी मानहानि का केस किया है। यूनिवर्सिटी ने यह केस पीएम मोदी की डिग्री से जुड़े मामले में प्रेस कांफ्रेंस करने पर किया है। यूनिवर्सिटी ने आरोप लगाया था कि गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के बाद इन नेताओं ने जो प्रेस कांफ्रेंस की उससे यूनिवर्सिटी की छवि खराब हुई। उसके बाद अब तेजस्वी यादव पर इसी तरह का एक मामला दर्ज किया गया है।