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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 03 Nov 2024 09:04:51 AM IST
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PATNA : बिहार की सबसे बड़ी पार्टी के साथ बड़ा खेला हो गया है। इसके बाद अब इस पार्टी के बड़े से लेकर छोटे तक हर नेता जी परेशान नजर आ रहे हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि करें तो करें क्या और कहें तो कहें किसको ? क्योंकि उनकी यह परेशानी बढ़ाने वाला कोई दूसरा नहीं शायद अपना ही है या फिर यूं कहें कि उनका भरोसेमंद ही है।
दरअसल, खबर कुछ यूं है कि बिहार की सबसे बड़ी पार्टी के कई सक्रीय नेता जी का डाटा लिक हो गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह डाटा हाल ही में सूबे के अंदर राजनीती में प्रवेश करने वाली पार्टी के हाथों लगी है। अब इन नेता जी को डर इस बात का है कि जिन लोगों से उन्हें दूर रहने का सलाह दिया गया था। अब उनके ही पास इन नेता जी का डाटा चला गया है। आइए आपको बताते हैं कि क्या है पूरी खबर?
खबर यह है कि बिहार राजद के चार लाख सक्रिय नेताओं का नाम,पत्ता, मोबाइल नंबर, राजनीतिक का कार्य क्षेत्र समेत पूरा पर्सनल डाटा लीक हो गया। लिहाजा पार्टी के कर्ताधर्ता परेशान है और पता लगाया जा रहा है कि किसने क्यों किस वजह से ऐसा किया है? इसको लेकर खुद तेजस्वी यादव बड़े नेताओं को निर्देश भी दे चुके हैं।
जानकारी के मुताबिक राजद के करीब चार लाख सक्रिय सदस्यों का पूरा डाटा राजद कार्यालय के कंप्यूटर में फीड है। इसमें एक-एक पंचायत तक के नेताओं की पूरी जानकारी है। लेकीनम अब यह पूरा डाटा जनसुराज पार्टी के मैनेजर के पास पहुंच गय। ऐसे में हर किसी की हवाई उड़ी हुई है कि आखिर ऐसा हुआ कैसे ? वहीं, अब यह पता लगाया जा रहा है कि प्रदेश कार्यालय में कंप्यूटर चलाने वाला या डाटा ऑपरेटर, सोशल मीडिया प्रभारी,मुख्यालय प्रभारी किस स्तर से यह डाटा लीक हुआ है। अब इन लोगों के संपर्कों को खंगाला जा रहा है।
वहीं प्रदेश कार्यालय या तेजस्वी के पुराने सरकारी कार्यालय पांच देश रत्न मार्ग में कहां से और किसने डाटा लिक किया है इसकी पड़ताल की जा रही है कैसे और किन शर्तों पर लिख हुआ यह भी पता लगया जा रहा है। क्योंकि इस तरह से यदि डाटा लिक हुआ है तो मामला सिर्फ नेता तक ही समिति हो यह भी नहीं कहा जा सकता है ?
इधर इस पूरे मामले में कोई भी नेता शारीरिक रूप से कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। सबसे बड़ी बात है कि अगले साल रात में विधानसभा चुनाव है ऐसे में यह हो न हो लेकिन राजद को बड़ा झटका दे सकता। क्योंकि यदि पंचायत स्तर के नेता अपना पास बदलते हैं तो फिर रजत को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।