BIHAR: मुंगेर में पुलिस से भिड़े परिजन, वारंटी को छुड़ाकर भगाया, फिर क्या हुआ जानिए? कटिहार में युवक की गोली मारकर हत्या, दो दिन में दो हत्या से इलाके में दहशत, कानून व्यवस्था पर सवाल गोपालगंज में मुठभेड़: 25 हजार के इनामी बदमाश महावीर यादव गिरफ्तार, पैर में लगी गोली IRCTC ने लॉन्च किया RailOne Super App, अब एक ही एप पर मिलेंगी ट्रेन से जुड़ी सभी सेवाएं IRCTC ने लॉन्च किया RailOne Super App, अब एक ही एप पर मिलेंगी ट्रेन से जुड़ी सभी सेवाएं "बिहार को बनेगा स्टार्टअप हब", स्टार्टअप स्पार्क 2.0 में बोले उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा Patna Traffic: राजधानी में ट्रैफिक जाम की सूचना के लिए फोन और व्हाट्सएप्प नंबर जारी, तुरंत इन दो नंबरों पर दें जानकारी Patna News: पटना में बढ़ रही लग्जरी कारों की डिमांड, 3 साल में खरीदे गए 1403 महंगे फोर व्हीलर; यह गाड़ी बनी लोगों की पहली पसंद Patna News: पटना में बढ़ रही लग्जरी कारों की डिमांड, 3 साल में खरीदे गए 1403 महंगे फोर व्हीलर; यह गाड़ी बनी लोगों की पहली पसंद सेक्स की नौकरी और कॉल बॉय बनाने के नाम पर करोड़ों की ठगी, पटना से तीन शातिर गिरफ्तार
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 10 Dec 2023 03:10:24 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह में सरकार के तरफ से एक पत्र जारी किया गया था। इस पत्र में जो बातें महत्वपूर्ण रूप से कही गई थी वो ये थी की किसी भी सरकारी कार्यक्रम में मंत्री के निजी सचिव शामिल नहीं होंगे और न ही कोई सलाह देंगे। बल्कि उनकी जगह सरकारी सचिव मंत्री के साथ रहेंगे और उन्हें सलाह मशवरा देंगे। लेकिन,अब तस्वीर देखने को मिली है उसके बाद से सरकार के इस आदेश पर सवाल उठना शुरू हो गया।
दरअसल, बिहार में आज पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक आयोजित की गयी है। यह बैठक मुख्यमंत्री संवाद कक्ष में आयोजित की गई है। जिसमें तीन राज्यों के मंत्री के साथ-साथ बिहार के सीएम और राज्य सरकार के मंत्री भी शामिल हुए। लेकिन, इस दौरान जो सबसे रोचक बात देखने को मिली वह यह थी कि बिहार के उपमुख्यमंत्री के साथ उनके प्राइवेट सेक्रेटरी भी मंच पर बैठे नजर आए। जबकि अन्य लोगों के सतह मंच पर उनके सरकारी सचिव बैठे हुए थे। ऐसे में अब यह सवाल उठना शुरू हो गया है कि- जब सरकार ने खुद यह आदेश निकाला है कि किसी भी सरकारी कार्यक्रम में प्राइवेट सेक्रेटरी हस्तक्षेप नहीं करेंगे तो फिर तेजस्वी के प्राइवेट सेक्रेटरी वहां क्या कर रहे थे और उन्हें मंच पर बैठने की अनुमति किसके जरिए प्रदान की गई? इसके साथ ही यह भी कहा जाना शुरू हो गया है कि सरकार की तरफ से जो आदेश निकल गया है वह उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री को छोड़कर बाकी के मंत्रियों के लिए निकाला गया है।
मालूम हो कि, अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह में नीतीश सरकार के तरफ से एक आदेश जारी किया गया था जिसमें कहा गया था कि -विस्तृत विचार-विमर्श के बाद यह तय किया गया है कि निजी सचिव (प्रशासनिक सेवा) मंत्री के निर्देश पर संबंधित मंत्री/विभाग की ओर से सभी अंतर-विभागीय संवाद करेंगे क्योंकि निजी सचिव (प्रशासनिक सेवा) सरकारी अधिकार हैं, संबंधित मंत्री के निर्देश पर वे विभागीय फाइलों के लिए भी जिम्मेदार होंगे।
पत्र में निजी सचिव (निजी) का कामकाज स्पष्ट करते हुए उन्होंने लिखा है कि- चूंकि वह एक निजी कर्मचारी है, वह मंत्री के दौरों और बाहर होने वाले राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए जिम्मेदार होगा। लेकिन, विभागीय या सरकारी कार्यक्रम में उनकी जिम्मेदारी होगी। इसमें यह भी कहा गया था कि- उन्हें विभागीय अधिकारियों के साथ लिखित और मौखिक संवाद से बचना चाहिए और स्वयं को मंत्री के ‘‘गैर-सरकारी’’ कार्यों तक ही सीमित रखना चाहिए। वे विभागीय अधिकारियों के साथ किसी प्रकार का लिखित संवाद नहीं करेंगे।
आपको बताते चलें कि, बिहार शिक्षा विभाग ने जुलाई के महीने में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के तत्कालीन निजी सचिव (निजी) को विभाग के कार्यालय में प्रवेश देने से इंकार कर दिया था। उसके बाद शिक्षा मंत्री काफी नाराज हो गए और उसी दरमियां सरकार ने यह आदेश जारी किया था। उसके बाद से यह अमूमन देखने को मिला की सभी मंत्री के निजी सचिव सरकारी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए वो गैर सरकारी कार्यक्रम में जरूर नजर आए। ऐसे में अब जब पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक हो रही थी तो यह कार्यक्रम सरकारी है और इसमें सरकार के कामकाज की ही चर्चा होती है तो फिर तेजस्वी यादव के निजी सचिव शामिल कैसे हुए और यदि शामिल हुए भी तो मंच पर जगह कैसे मिली ?