'तेजप्रताप से हारा तो ले लूंगा संन्यास ....,' बोले नित्यानंद राय ... साथ चलें तेजस्वी मालूम चल जाएगा कौन है गौ रक्षक और कौन भक्षक

'तेजप्रताप से हारा तो ले लूंगा संन्यास ....,' बोले नित्यानंद राय ... साथ चलें तेजस्वी मालूम चल जाएगा कौन है गौ रक्षक और कौन भक्षक

PATNA : लालू जी परिवारवाद आपको मुबारक हो। मैं परिवारवादी व्यक्ति नहीं हूं। भारतीय जनता पार्टी में परिवारवाद नहीं सिखाया जाता है। जब मैं विधायक बना था तो मेरे पिताजी ने मुखिया का पद छोड़ दिया था। यह बात है केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कही है।


दरअसल, बीते शाम का गोवर्धन पूजा के अवसर पर पटना के इस्कॉन मंदिर में आयोजित एक समारोह में मीडिया से बातचीत करते हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि - भाजपा के नेता कहते हैं कि लालू जी ने अपने पत्नी को सीएम बना दिया तो मैं पूछता हूं कि अपनी पत्नी को सीएम नहीं बनता तो क्या उनकी पत्नी को कम बना देता।


 इसके बाद अब इन्हीं सवाल का जवाब देते हुए नित्यानंद राय ने कहा है कि - लालू जी हमेशा परिवारवाद की राजनीति करते हैं और भाजपा में इस तरह से नहीं होता है। जब मैं विधायक बना था तो मेरे पिताजी ने मुखिया का पद छोड़ दिया था और मैं राजनीति में हूं ना कि मेरी पत्नी राजनीति में है। आप पूरा परिवार मिलकर राजनीति कर रहे हैं। यदि आपको विश्वास नहीं किसी पर था तो किसी यादव समाज के नेता को मुख्यमंत्री बना देते हैं। लोकतंत्र में यह काम नहीं चलेगा कि आप परिवार को उसमें से किसी को सीएम बना दें।


इसके आगे गृह राज्यमंत्री ने कहा कि - लालू जी ने राबड़ी को सीएम  बना कर जाता दिया है कि उन्हें किसी पर भरोसा नहीं है ना किसी यादव समुदाय के नेता पर ना ही किसी अन्य लोगों पर बस इन्हें अपने परिवार पर भरोसा हैं।


इसके अलावा लालू प्रसाद यादव की तरफ से गाय कटवाने वाले बयान को लेकर नित्यानंद राय ने कहा कि लालू जी को मैं कह रहा हूं कि मैं गौ रक्षक हूं। वोट के लिए आप गाय कटवाने का काम करते हैं। मैं चुनौती देता हूं आपके बेटे राघोपुर विधानसभा क्षेत्र के नेता तेजस्वी यादव को की आप चलिए मालूम चल जाएगा कि कौन गए कटवाता है और कौन नहीं।


इसके अलावा उन्होंने खुद के तेज प्रताप से चुनाव लड़वाय जाने को लेकर उन्होंने कहा कि -मैं साफ करता हूं कि यदि उजियारपुर में चुनाव हार गया तो मैं राजनीति से सन्यास ले लूंगा। नहीं तो उनको पूरे परिवार के साथ बिहार की राजनीति से संन्यास लेना चाहिए।