तेजस्वी की संपत्ति का हर राज खुलवाने में लगी ED: अमित कात्याल को फिर 6 दिनों की रिमांड पर लिया, लालू के CA के सामने बिठाकर हो रही पूछताछ

तेजस्वी की संपत्ति का हर राज खुलवाने में लगी ED: अमित कात्याल को फिर 6 दिनों की रिमांड पर लिया, लालू के CA के सामने बिठाकर हो रही पूछताछ

PATNA: लालू परिवार की अकूत संपत्ति का राज खुलवाने की कोशिश में लगी ईडी ने दिल्ली में गिरफ्तार किये गये अमित कात्याल को फिर से रिमांड पर ले लिया है. 11 नवंबर को गिरफ्तार किये गये अमित कात्याल को ईडी ने 16 नवंबर तक रिमांड पर लिया था. आज उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां ईडी ने फिर से उसकी रिमांड मांगी. ईडी ने कहा कि कात्याल से पूछताछ में कई अहम सुराग मिले हैं. इसलिए उससे और पूछताछ करना जरूरी है. इसके बाद कोर्ट ने उसे 22 नवंबर तक ईडी की रिमांड में भेजने का आदेश दिया.


अमित कात्याल को आज ईडी ने दिल्ली में विशेष जज गीतांजलि गोयल की कोर्ट में पेश किया और फिर से 8 दिनों की रिमांड देने का आग्रह किया. इसके बाद जज ने ईडी से पूछा कि क्या पिछले पांच दिनों की पूछताछ में कुछ हासिल हुआ है? ईडी ने कहा कि अमित कात्याल को हिरासत में लेकर हुई पूछताछ में ऐसे नाम सामने आए हैं जो अब तक कभी सामने नहीं आए थे. उन लोगों से इसका आमना-सामना कराने की जरूरत है. अगर कोर्ट चाहे तो केस डायरी देख सकती है.


ED ने कोर्ट में कहा कि अमित कात्याल की रिमांड की अवधि आठ दिन और बढ़ाने की गुहार लगाते हुए कहा कि इस मामले में हमारा विभाग पूरी तरह से ट्रांसपेरेंट हैं. रेलवे में जमीन लेकर नौकरी देने के मामले में CBI ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में AK इनफो सिस्टम को भी आरोपी बनाया है. AK इंफोसिस्टम का मालिक अमित कात्याल ही थी. बाद में ये कंपनी लालू परिवार के नाम कर दी गयी. कात्याल से पूछताछ में मिली जानकारी के बाद  तीन लोगों को समन किया है. जिन लोगों को समन किया है उनसे कात्याल को कंफ्रंट करवाना है. बड़े पैमाने पर पैसे का लेन देन हुआ है. इसके बारे में भी आमने सामने बिठा कर पूछताछ करनी है. ED के वकील ने कोर्ट में कहा कि रेलवे में जमीन लेकर नौकरी देने के मामले में कात्याल की भूमिका की  जांच अभी काफी अहम स्टेज पर है. इसलिए कात्याल की हिरासत में पूछताछ की जरूरत है. इसके बाद कोर्ट ने उसे 22 नवंबर तक ईडी की रिमांड में भेजने की मंजूरी दी.


लालू के सीए के सामने बिठाकर हो रही पूछताछ

कोर्ट में कात्याल की पेशी के दौरान ये कहा गया कि ईडी के अधिकारी अमित कात्याल को लालू परिवार के सीए के सामने बिठा कर पूछताछ कर रही है. ईडी ने कहा है कि इसमें भी कई अहम जानकारी मिली है.


कात्याल ने कहा- तेजस्वी को नहीं जानते

उधर कोर्ट में रिमांड पर बहस के दौरान अमित कात्याल के वकील ने कहा कि तेजस्वी यादव कौन है, ये हम नहीं जानते. जिस प्रोपर्टी की ईडी छानबीन कर रही है वह तेजस्वी यादव के नाम से है, अमित कात्याल के नाम से नहीं. हम नहीं जानते कि तेजस्वी यादव कौन है और  कैसे प्रोपर्टी उनके पास आयी.


अमित कात्याल के वकील ने कहा कि पहले ही उससे 6 बार पूछताछ की जा चुकी है तो अब कस्टडी की क्या जरूरत है? कात्याल ने कहा कि AK इंफोसिस्टम नाम की जिस कंपनी की बात की जा रही है वह बेच दी है तो अब इस सबसे मेरा क्या मतलब? सब ब्योरा लिखित है. इसमें मेरा क्या कसूर है?'


कत्याल की तरफ से कि हमारे घर और ऑफिस में कई बार सर्च किया गया. मेरे पास कुछ भी बताने को नहीं है, फिर क्यों कस्टडी बढ़ाने की मांग हो रही है?' इस के बाद कोर्ट ने कात्याल से पूछा कि क्या आपको ED हिरासत में दिक्कत है? कात्याल ने कहा मेरी तबीयत सही नहीं है. मैंने अधिकारियों से डॉक्टर के पास ले जाने के लिए कहा था लेकिन वो नहीं ले गए. मुझे स्किन पर पैचेज आ रहे हैं. मेरी कोर्ट से गुजारिश है कि मुझे न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाए. ईडी को जरूरत होगी तो जेल मे जाकर पूछताछ कर लेगी. नहीं तो कोर्ट में रोज बुला लें. यहीं पर पूछताछ कर लें.


कौन है अमित कात्याल

बता दें कि अमित कात्याल वह कारोबारी है जिसने बिहार में राबड़ी देवी की सरकार के समय पटना के बिहटा के पास बीयर फैक्ट्री लगायी थी. उस कंपनी में लालू-राबड़ी की एक बेटी को डायरेक्टर भी बनाया गया था. बाद में कात्याल ने AK इंफोसिस्टम नाम की कंपनी बना ली. इस कंपनी ने बड़े पैमाने पर जमीन खरीदी. इस कंपनी को जमीन बेचने वाले में ऐसे लोग भी शामिल थे जिनके परिजनों को लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते रेलवे में नौकरी दी गयी थी. ईडी और सीबीआई की जांच के मुताबिक कात्याल की एक कंपनी ने 2010 में तेजस्वी यादव को गाड़ी गिफ्ट किया था. बाद में सिर्फ एक लाख रूपये में अपनी कंपनी AK इंफोसिस्टम के सारे शेयर राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नाम कर दिया.


ईडी और सीबीआई के मुताबिक अमित कात्याल ने तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को करीब 85 लाख रूपये का कर्ज दिया और फिर उसे माफ कर दिया. कात्याल की एक कंपनी की ओर से तेजस्वी की कंपनी को मोटी रकम कर्ज के तौर पर दी गयी, लेकिन उसकी कभी वापसी नहीं हुई. कात्याल ने अपनी एक कंपनी में मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार को भी डायरेक्टर बनाया था. कई कंपनियों के मालिक कात्याल ने अपनी कंपनी की ओर से मीसा भारती को ब्रोकरेज के तौर पर मोटी रकम भी दी थी.