तेजस्वी यादव की मुसीबतें और बढ़ी: एक और घोटाले में दिल्ली कोर्ट में हुई सुनवाई, 15 जुलाई को अगली तारीख

तेजस्वी यादव की मुसीबतें और बढ़ी: एक और घोटाले में दिल्ली कोर्ट में हुई सुनवाई, 15 जुलाई को अगली तारीख

PATNA: रेलवे में जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में चार्जशीट दायर होने के बाद बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव की मुश्किलें लगातार बढती जा रही है. रेलवे के और घोटाले में आज दिल्ली की सीबीआई कोर्ट में तेजस्वी समेत लालू और राबडी के खिलाफ सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस केस में अगली सुनवाई के लिए 15 जुलाई की तारीख तय की है. दिल्ली की कोर्ट में अगले सप्ताह तेजस्वी के खिलाफ दो मामलों पर सुनवाई होगी. 


IRCTC घोटाले में सुनवाई

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आज IRCTC घोटाले की सुनवाई हुई. इस केस में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और 11 अन्य आरोपी हैं. सीबीआई ने इस मामले की जांच के बाद इन सारे लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर रखा है. कोर्ट में आज लालू, राबड़ी, तेजस्वी के खिलाफ आरोप तय करने के लिए सुनवाई हुई. सीबीआई के वकील ने अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय करने पर अपना पक्ष रखा. अब लालू परिवार के वकीलों को अपनी दलील पेश करनी है. कोर्ट ने इसके लिए 15 जुलाई की तारीख तय की है. 


एक सप्ताह में तेजस्वी के खिलाफ दो केस पर सुनवाई

बता दें कि इससे पहले सीबीआई ने तेजस्वी यादव के खिलाफ रेलवे में जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में चार्जशीट दायर किया है. इस मामले में 12 जुलाई को कोर्ट में सुनवाई होनी है. वहीं 15 जुलाई को IRCTC घोटाले की सुनवाई होगी. जाहिर है तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. 


क्या है IRCTC होटल घोटाला ?

लालू प्रसाद यादव पर रेल मंत्री रहने के दौरान IRCTC होटल घोटाला करने का आरोप है. लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे. सीबीआई का आरोप है कि इस दौरान आईआरसीटीसी के रांची और पुरी स्थित दो होटलों को लीज पर देने के लिए लालू परिवार ने अकूत संपत्ति अर्जित की.


सीबीआई के मुताबिक लालू यादव जब रेल मंत्री थे, तब रेलवे के पुरी और रांची स्थित बीएनआर होटल को IRCTC को ट्रांसफर किया था. इन दोनों होटलों को लीज पर देने के लिए IRCTC ने टेंडर निकाला और इसे विनय कोचर नाम के व्यक्ति की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को सौंप दिया. सीबीआई के मुताबिक टेंडर की प्रक्रिया में जमकर हेराफेरी की गयी ताकि विनय कोचर की कंपनी को ही होटल दिया जाये. 


सीबीआई के मुताबिक रेलवे के दो होटल मिलने के 25 फरवरी 2005 को विनय कोचर के परिवार ने पटना के बेली रोड पर 3 एकड़ जमीन लालू यादव के करीबी प्रेम गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता की कंपनी मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड (डीएमसीएल) के नाम कर दिये. कागज पर ये दिखाया गया कि कोचर परिवार ने ये जमीन एक करोड़ 47 लाख रुपए में बेची गयी है. इसे कृषि की जमीन बताकर सर्कल रेट से काफी कम पर बेचा गया. सरकार को स्टैम्प ड्यूटी देने में भी गड़बड़ी की गई. 


प्रेम गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता की कंपनी ने बाद में यह प्रॉपर्टी लालू यादव के परिवार की कंपनी लारा प्रोजेक्ट को सिर्फ 65 लाख में ट्रांसफर कर दिया.  जबकि इस जमीन का बाजार दर लगभग 100 करोड़ रूपया था. सीबीआई के मुताबिक विनय कोचर ने जिस दिन सरला गुप्ता की कंपनी को अपनी 3 एकड़ जमीन दी, उसी दिन रेलवे बोर्ड ने उसे बीएनआर होटल्स सौंपे जाने की जानकारी दी. 


ये वही मामला है जिसमें 2017 में तेजस्वी यादव को अभियुक्त बनाया गया था. इसी मामले के सामने आने के बाद नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करने का हवाला देकर राजद से गठबंधन तोड़ लिया था. फिर भाजपा से समझौता कर सरकार बनाया था.