तेजस्वी को CM बनाना लालू का एकमात्र मकसद, बोले कुशवाहा..जनरल इलेक्शन से जनता कभी नहीं बनाएगी मुख्यमंत्री

 तेजस्वी को CM बनाना लालू का एकमात्र मकसद, बोले कुशवाहा..जनरल इलेक्शन से जनता कभी नहीं बनाएगी मुख्यमंत्री

PATNA: पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए आरएलजेडी (RLJD) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश-लालू के डील पर कहा कि नीतीश कुमार के एनडीए से नाता तोड़ने और महागठबंधन के साथ जाने के कुछ दिन के बाद ही यह खबर आने लगी थी कि इन लोगों की आपस में कोई डील हुई है। 


जिसके आधार पर तेजस्वी को देर सवेर सत्ता सौंप देना और आरजेडी का जेडीयू में विलय कर देना चाहते थे। यह तो पहले से चर्चा हो रही थी। लेकिन समर्थकों के विरोध के कारण यह मामला बीच में ही रुक गया लेकिन इनकी डील तो पक्की है। 


उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि लालू जी का एकमात्र मकसद है कि उनका बेटा किसी तरह बिहार का मुख्यमंत्री बन जाए। उनकों मालूम है कि जनरल इलेक्शन से जनता उनके बेटे को कभी मुख्यमंत्री नहीं बनाने वाली है। इसलिए इलेक्शन से पहले मुख्यमंत्री का तमगा तेजस्वी को लगाना चाहते हैं। इसी कोशिश में लालू लगे हुए है।


उपेंद्र कुशवाहा ने आगे कहा कि आरजेडी के साथ जाना और तेजस्वी यादव के नाम की घोषणा करना नीतीश कुमार के लिए आत्मघाती कदम था, ये अब साबित हो चुका है। कुशवाहा ने दावा किया कि अब नीतीश कुमार की साख गिर चुकी है। नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने के सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यदि सार्वजनिक रूप में वो आरजेडी से संबंध तोड़ने की बात करते हैं और एनडीए में उनके शामिल होने की बात होगी तो नीतीश की वापसी का फैसला बीजेपी के नेताओं को लेना है लेकिन हम नीतीश जी के लिए पैरवी अवश्य करेंगे।


वही इंडिया गठबंधन पर उन्होंने कहा कि जबरदस्ती इधर से उधर लोगों को जुटाकर बैठक की जाती है। इंडिया गठबंधन है ही कहा..दिल्ली में जो बैठक हुई उसमें किसी एक नेता ने पीएम उम्मीदवार के रुप में किसी का नाम प्रस्तावित कर दिया और दूसरे ने इसका समर्थन कर दिया जबकि बाकि लोग नाराज होकर वहां से उठकर चले गये। इंडिया गठबंधन में कुछ भी ऐसा नहीं है कि जिससे गठबंधन कहा जाए। ये लोग तो आपस में ही लड़ रहे हैं। स्वार्थ के आधार पर लोगों की दोस्ती है। सब कोई चाहता हैं कि हम पीएम पद के उम्मीदवार बने।


कैबिनेट की बैठक में सरकार ने बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली  2023 को मंज़ूरी दे दी है। अब बिहार के सभी नियोजित शिक्षक विशिष्ठ शिक्षक कहलाएंगे। उन्हें बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित एक मामूली परीक्षा को पास करना होगा। इसके बाद सरकार उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा देगी। सरकार के इस फैसले पर आरएलजेडी (RLJD) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिये जाने का यह फैसला अच्छा है। हम तो चाहेंगे कि शिक्षकों को अधिक से अधिक सुविधाएं मिलनी चाहिए। नीतीश सरकार ने यह फैसला विलंब से लिया है। इस फैसले को और पहले लेना चाहिए था।