PATNA : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर जेडीयू और आरजेडी आमने-सामने आ गये हैं। जेडीयू ने कह दिया है कि तेजस्वी यादव नेता प्रतिपक्ष के जिस संवैधानिक पद पर बैठे है उसके साथ न्याय नहीं करते दिखते । वे नॉन सीरियल पॉलिटिकल प्रसनॉलिटी हैं। इसके जवाब में आरजेडी ने हमला बोलते हुए कहा कि हमारे नेता को पन्द्रह साल गाली दे-देकर सत्ता की मलाई खा रहे हैं वहीं अमित शाह अपने भाषण लालू यादव से शुरू कर तेजस्वी यादव पर खत्म करते हैं । वे उनकी लोकप्रियता से घबराए हुए हैं।
जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि तेजस्वी यादव नेता नेता प्रतिपक्ष के जिस संवैधानिक पद पर हैं उसके साथ न्याय नहीं करते । खुद को महागठबंधन का नेता बताते हैं लेकिन महागठबंधन के दूसरे दल उन्हें अपना नेता मानने को तैयार नहीं हैं। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की वर्चुअल रैली के खिलाफ वे अकेले ही थाली पीट रहे थे बाकी दलों के नेता तब कहा थे। कोरोना संकट में बिहार छोड़ कर 55 दिनों तक दिल्ली में बैठे रहे, फिर बिहार लौटे तो 14 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन हो गये। इस दौरान वे केवल सोशल मीडिया पर बैठ कर झान देते रहे। क्यों नहीं जिस क्वारंटाइन सेंटर के बारें में कहते चल रहे थे वहां जाकर खुद देखने की कोशिश की। उन्हें देश या फिर आपदा-विपदा से कोई लेना देना नहीं है बस एसी में बैठ कर पॉलिटिक्स करना है।
निखिल मंडल ने कहा कि चार्टर्ड प्लेन में बर्थडे मनाने वाले,अरमानी के कपड़े पहनने वाले तेजस्वी जी,अब गरीब अधिकार दिवस मनाकर गरीबों के हितैषी बनने का ढोंग रच रहे हैं.जब इन्हें मौका मिला तो इन्होंने अपनी गरीबी मिटाई और गरीबों का जमीन-जायदाद अपने नाम लिखा कर मॉल-माल और करोड़ों का संपत्ति के मालिक बन गए। उन्होनें कहा कि अमित शाह ने राजद के 15 साल बनाम एनडीए के 15 साल की परिभाषा दे दी है। उन्होनें बता दिया है कि 'जंगल राज' बनाम 'सुशासन राज' की जंग बिहार में जारी है।
वहीं जेडीयू पर पलटवार करते हुए आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि अगर तेजस्वी यादव को नेता प्रतिपक्ष के तौर पर सीरियस नहीं मानते तो क्यों देश के गृह मंत्री लालू यादव से शुरु कर तेजस्वी यादव पर अपना भाषण खत्म करते। तेजस्वी यादव की गुगली में डबल इंजन की सरकार क्लीन बोल्ड होगी। तेजस्वी यादव की ओजस्वी की प्रतिभा से सभी घबराए हुए हैं। गरीब का बेटा अगर अगर हवाई जहाज पर चढ़ जाता है तो उनके पेट में दर्द होने लगता है । वे तेजस्वी यादव के पैंट-शर्ट पर राजनीति करने लगते हैं। राजनीति का स्तर गिरा दिया है।
मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि झारखंड में वहीं प्रवचन कर रहे थे वहीं कैसेट बजा रहे थे लेकिन क्या हुआ लोगों ने खुद देखा। अब बिहार में भी वहीं कर रहे हैं। लेकिन अब वक्त आ गया है बिहार के चुनाव में भी जनता इन्हें सबक सीखा देगी। बिहार लौटने वाले मजदूरों के साथ जिस तरह से केन्द्र से लेकर राज्य सरकार ने छल किया उसका नतीजा चुनाव में इन्हें भुगतना पड़ेगा।