PATNA : कोरोना काल में बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां भी जोरो पर हैं. तमाम राजनीतिक पार्टियां इलेक्शन की तैयारी में जुटी हुई हैं. कोरोना काल में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर राज्य सरकार को लगातार घेरा जा रहा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार में कोरोना की टेस्टिंग को लेकर शुरू से सवाल उठा रहे हैं. एक दिन में एक लाख टेस्टिंग के आंकड़े पर अब तेजस्वी ने सवाल उठाया है. इसके अलावा उन्होंने सीएम नीतीश और केंद्र सरकार पर भी हमला बोला है.
कोरोना टेस्टिंग के आंकड़े पर सवाल उठाते हुए शुक्रवार को तेजस्वी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश को चैलेंज कर दिया. उन्होंने खुद के बारे में बोलते हुए कहा कि 8वीं पास वाले के सवाल का जवाब न तो मुख्यमंत्री के पास है और न ही डिप्टी सीएम और हेल्थ मिनिस्टर के पास है. तेजस्वी ने खुलेआम चैलेंज किया कि तीनों एक साथ इकट्ठे बैठ जाएँ, वो अकेले बैठेंगे. राज्य सरकार के आंकड़े पर ही दोनों तरफ से बातचीत हो जाये.
बिहार के सीएम पर तंज कसते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार को डोनाल्ड ट्रंप को सलाह देनी चाहिए. कोरोना से लड़ने के लिए बिहार की व्यवस्था ठीक है तो ये ट्रंप को भी बताना चाहिए. अमेरिका में भी लोगों की मौत हो रही है. वहां के लोगों को भी बचाया जा सके. केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद के PMCH दौरे पर उन्होंने कहा कि PMCH में कितनी सुविधा ही सबको पता है, यह सबको मालूम है. क्या वो खुद वहां भर्ती होंगे.
गुरूवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की ओर से पेश किये गए आंकड़े पर तेजस्वी ने कहा कि केवल दिखाने के बिहार सरकार ने जांच की स्पीड तेज की है. बिहार सरकार को बताना चाहिए कि एंटीजन ज्यादा विश्वसनीय है या आरटीपीसीआर ज्यादा विश्वसनीय है. तेजस्वी ने मंगल पांडेय को घेरते हुए कहा कि जितने सवाल हमने उठाये हैं. उसका जवाब नहीं मिला है. उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए कहा की 148 दिन में सिर्फ 2179 RT-PCR टेस्ट ही हुए हैं. सीएम ने बताया कुल जांच 753346 बताया, जिसमें 6100 ही RT-PCR जांच थे. जो कि कुल जांच का 8 प्रतिशत ही हुआ. उन्होंने कहा कि नया प्रधान सचिव बनने के 2 दिन में ही 30 हजार कैसे बढ़ गए.
नेता प्रतिपक्ष ने ये भी कहा कि ICMR कहता है कि एंटीजन टेस्ट प्रामाणिक नहीं है. बावजूद सिर्फ एंटीजन टेस्ट से ही जांच ही क्यों हो रहे हैं. RT-PCR जांच बिहार में क्यों नहीं हो रहा है. जो जांच हो रही है, उसकी कोई एक्यूरेसी नहीं है. बिहार में सिर्फ दिखाने के लिए ही जांच हो रही है. स्वास्थ्य मंत्री को बताना चाहिए कि RT-PCR और एंटीजन में कौन ज्यादा एक्यूरेट है. दरअसल बिहार सरकार लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रही है.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हाल ही में मंगल पांडेय ने एक बयान दिया कि विदेश से कोवास-8800 मशीन आने वाला है. तेजस्वी ने कहा कि जो कोवास-8800 मशीन विदेश से आने वाला था. कोरोना काल के 4 महीने बाद उसका आर्डर करने के बाद उसे कैंसल कर दिया गया. 6 महीनों में अबतक मशीन क्यों नहीं आया. बिहार सरकार ने 15 मई को ऑर्डर किया, फिर 24 जून को ऑर्डर रद्द कर दिया गया.
BMCICL चिट्ठी का दिया हवाला देते हुए उन्होंने पूछा कि इतने महत्वपूर्ण मशीन क्यों रद्द किया गया. तेजस्वी ने सवाल कहा करते हुए पूछा कि स्वास्थ्य मंत्री बताये क्या विदेश से ज्यादा कमीशन मिल रहा है. कमीशन नहीं मिलने के कारण मशीन नहीं आया. स्वास्थ्य विभाग में बिना कमीशन मिले कोई मशीन नहीं आता है. भारत में एकमात्र बिहार ही ऐसा राज्य हैं, जहां तीन महीने के भीतर 3-3 स्वास्थ्य सचिव को कोरोना काल में बदला गया है. सरकार ने जिस नए अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है. उन्होंने जादू की छड़ी चला दी है.
उन्होंने कहा कि विधानसभा में भी राजद ने कई सवाल उठाये थे. जिसका जवाब नहीं मिला. बिहार में एक लाख ऑक्सीजन बेड की आवश्यकता है. लेकिन सरकारी आंकड़े के मुताबिक यहां सिर्फ साढ़े 10 हजार ही ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हैं. बिहार सरकार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और वेंटिलेटर नहीं खरीद रही है. 500 वेंटिलेटर में से कई वेंटिलेटर तो वीआईपी घर में ही लगे हैं. सरकार ये बताये कि आखिरकार क्यों स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव बदले गए.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चैलेंज किया कि वह सीएम नीतीश, डिप्टी सीएम सुशील मोदी और हेल्थ मिनिस्टर मंगल पांडेय से अकेले बात कर लेंगे. उन्होंने कहा कि आखिर सरकार क्यों नहीं जवाब दे रही है. आपको बता दें कि बीते दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की ओर से बिहार में कोरोना जांच को लेकर लगाए जा रहे आरोपों का जवाब स्वास्थ्य मंत्री मगल पांडेय ने दिया था. मंगल पांडेय ने मीडिया के सामने आंकड़े पेश करते हुए तेजस्वी को झूठा करार दिया था. उन्होंने कहा था कि तेजस्वी गैरजिम्मेदाराना और गलत बयान देते हैं.