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तेजस्वी ने बिहार सरकार को राजधर्म की दिलायी याद, कोरोना संकट में अप्रवासी बिहारी भाईयों को छोड़ा भूखा

1st Bihar Published by: Updated Fri, 17 Apr 2020 01:27:52 PM IST

तेजस्वी ने बिहार सरकार को राजधर्म की दिलायी याद, कोरोना संकट में अप्रवासी बिहारी भाईयों को छोड़ा भूखा

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PATNA : तेजस्वी यादव ने बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के बयान पर बिहार सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होनें  कहा है कि बिहार के लाखों अप्रवासी भाईयों को सरकार ने उनके अपने हाल पर छोड़ दिया है। जबकि वे सूबे की अर्थव्यवस्था में 60 हजार करोड़ का योगदान देते हैं।


तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि अप्रवासी भाई राज्य की मानव संसाधन पूंजी है। ये सभी कुशल, अर्द्ध कुशल व अकुशल श्रमिक राज्य के कमाऊ पूत है जो प्रतिवर्ष 50 से 60 हज़ार करोड़ का अंशदान राज्य की अर्थव्यवस्था को देते है। उन्हें संकट की घड़ी में राज्य द्वारा इस तरह छोड़ देना नैतिकता, मानवता और राजधर्म के विरुद्ध है।


तेजस्वी यादव ने सरकार पर डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के इस बयान के हवाले से सरकार पर हमला बोला है जिसमें उन्होनें कहा था कि दूसरे प्रदेशों में 6.67 लाख बिहारी फंसे हुए हैं।तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के बाहर रहने वाले ये अप्रवासी भाई जो कुशल, अर्द्ध कुशल और अकुशल श्रमिक के तौर पर बिहार के बाहर काम करते हैं ये सरकार को 50 से 60 हजार करोड़ की आमदनी देते हैं। उन्हें भी सरकार ने  भूखे मरने को छोड़ दिया है। 


बता दें कि बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने इस बात की जानकारी दी थी कि दूसरे प्रदेशों में 6.67 लाख बिहारी फंसे हुए हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि 60 हजार मजदूर फोन कर मदद मांग रहे हैं।  डिप्टी सीएम ने यह भी बताया कि बिहार के 6.67 लाख लोग  अंडमान, सिक्किम से लेकर दिल्ली, महाराष्ट्र,गुजरात तक में फंसे हुए हैं। बिहारियों के खाते में आपदा राहत कोष से 1-1 हजार रुपये भेजा जा चुका है। सर्वाधिक दिल्ली में 1.30 लाख, हरियाणा में 95,999, महाराष्ट्र में 72,243, गुजरात 61,944, पंजाब, 37,771, राजस्थान 26,849, तमिलनाडु 26,312, पश्चिम बंगाल 25,181 व अंडमान निकोबार में 265 प्रवासी बिहारियों के खाते में राशि भेजी गयी है। प्राप्त कुल आवेदन 13.26 लाख में से शेष बचे 6.59 लाख बिहारी प्रवासियों को भी शीघ्र राशि भेजी जा रही है। सुशील मोदी ने लोगों से अपील की भी की थी कि जहां हैं, लोग वहीं रूके रहें। सरकार उनकी मदद की कोशिश में जुटी हुई है।