दिल्ली में झूठ के सहारे नीतीश ने किया चुनाव प्रचार, तेजस्वी ने पूछा - थोड़ी भी शर्म नहीं आती

दिल्ली में झूठ के सहारे नीतीश ने किया चुनाव प्रचार, तेजस्वी ने पूछा - थोड़ी भी शर्म नहीं आती

DELHI : दिल्ली में बिहार को लेकर सियासत गरमा गई है। दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के आरजेडी शासनकाल की चर्चा करते हुए लालू परिवार को जमकर कोसा था। नीतीश कुमार ने बिहार में अपनी सरकार की तरफ से किए गए काम की तारीफ करते हुए दिल्ली को बिहार से बदतर बताया था जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पलटवार किया है। तेजस्वी ने नीतीश कुमार से पूछा है कि उन्हें दिल्ली को बिहार से बदतर बताने में थोड़ी भी शर्म महसूस क्यों नहीं हुई।

तेजस्वी ने कहा कि आदरणीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी कल दिल्ली में अपने महबूब नेता अमित शाह जी के साथ चुनावी मंच साझा कर रहे थे. मंच पर अपनी सारी राजनीतिक दुर्दशा, चालाकी और मजबूरी को ना चाहते हुए भी प्रदर्शित कर ही गए. मंच साझा करने का ऐसा उतावलापन कहे या चाटूकारिता का तक़ाज़ा कि उत्साह में वो अपने ही झूठ बोलने के सारे पुराने रिकॉर्ड खुद ही तोड़ गए और देश की राजधानी दिल्ली को बिहार से बदतर बताने में तनिक भर भी लज्जा महसूस नहीं किया.

तेजस्वी ने सीएम से पूछा कि  मुख्यमंत्री जी, यह बतायें कि आपके 15 वर्ष के कथित सुशासनी राज के बाद भी करोड़ों बिहारवासी पलायन क्यों कर रहे है? अगर आप दिल्ली में इंफ़्रास्ट्रक्चर, शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को बिहार से भी बदहाल मानते है तो आपकी मनोस्थिति को भगवान ही बेहतर समझ सकते है. बिहार में चमकी बुखार से 500 बच्चें मरे. गर्मी से हज़ारों लोग मरे,  बाढ़ से मरने वालों की कोई गिनती ही नहीं. जलजमाव का सुशासनी जनाज़ा पूरे देश ने देखा था. सत्ता संरक्षण में आपके मंत्रियों और अधिकारियों द्वारा 34 नाबालिग बच्चियों के साथ मुज़फ़्फ़रपुर में जो सामूहिक बलात्कार हुआ और उसपर सुप्रीम कोर्ट की आपकी सरकार पर जो टिप्पणियां थी वो किसी भी सभ्य इंसान को सोने नहीं देगी. बिहार की सड़कों को लेकर माननीय पटना Highcourt के चीफ़ जस्टिस की टिप्पणी आप भूल गए क्या?‬ 15 साल में बिहार की शिक्षा को किस गर्त में आपने पहुंचा दिया है इसका तो स्वयं आपको भी अंदाजा नहीं है! 


‪दिल्ली जाकर ड़बल इंजन सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, विशेष पैकेज, बाढ़ पीड़ितों की सहायता राशि और केंद्रीय मदों में बिहार का हक़ मांगने की बजाय आप संविधान बदलने व अपने ही नागरिकों से नागरिकता छिनने वालों को लोकप्रिय और महानायक बता रहे है। शायद अब आपमें स्वयं से भी सवाल-जवाब करने का आत्मबल नहीं रहा। सिद्धांत, विचार, नैतिकता और अंतरात्मा तो आपने जनादेश का सौदा करते समय ही बेच दी थी। ‬मुख्यमंत्री जी, दिल्ली में यह तो बता देते आपने कितने कारख़ाने और कंपनियाँंबिहार में खुलवाई है? कितने युवाओं को रोज़गार दिया है? कितनी चीनी मिल, राइस मिल, जूट मिल को बंद करवाया है? अपनी सरकार का 15 साल का तो हिसाब गिना नहीं सकते पर विपक्षी सरकारों का हिसाब मांगने दिल्ली तक पहुंच गए। इसे कहते है एक तो चोरी और ऊपर से सीनाज़ोरी।