बड़ी खबर: बिहार में 6ठे चरण की शिक्षक नियुक्ति में प्राथमिक विद्यालयों में बीएड पास शिक्षकों की नियुक्ति रद्द, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

बड़ी खबर: बिहार में 6ठे चरण की शिक्षक नियुक्ति में प्राथमिक विद्यालयों में बीएड पास शिक्षकों  की नियुक्ति रद्द, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

PATNA : बिहार के शिक्षा जगत की बड़ी खबर सामने आ रही है. पटना हाईकोर्ट ने छठे चरण की शिक्षक नियुक्ति में क्लास एक से पांच तक के स्कूलों में नियुक्ति किये गये बीएड पास अभ्यर्थियों की बहाली को रद्द करने का आदेश सुनाया है. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.


जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस राजीव राय की बेंच ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने कहा है

“हम संविधान के अनुच्छेद 141 के तहत माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से बंधे हैं और राज्य को भी इसका पालन करना होगा. माननीय सर्वोच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ द्वारा क्लास एक से पांच तक की शिक्षक नियुक्ति के संबंध में स्पष्ट फैसला सुनाया जा चुका है. ऐसे में बीएड उम्मीदवारों को प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के रूप में नियुक्ति के लिए पात्र नहीं माना जा सकता है.”


हाईकोर्ट ने कहा है सरकार ने छठे चरण में क्लास एक से पांच तक के शिक्षकों की नियुक्ति में बीएड पास उम्मीदवारों की जो नियुक्ति की है, उसे रद्द करना होगा और उन नियुक्तियों को फिर से काम भरना होगा. राज्य सरकार को एनसीटीई की साल 2010 की मूल अधिसूचना के अनुसार योग्य उम्मीदवारों को ही नियुक्त करना होगा. राज्य सरकार ये भी निर्णय लेगी कि कितने पद रिक्त हो रहे हैं और उन पदों पर रिक्तियों को कैसे भरा जाना है.


बता दें कि, बिहार में छठे चरण की शिक्षक नियुक्ति 2021 में हुई थी. इस दौरान कई लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बीएड पास अभ्यर्थियों को प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक के पद पर नियुक्ति पर रोक लगाने की मांग की थी. हालांकि राज्य सरकार ने एनसीटीई की 2018 की एक अधिसूचना का हवाला देते हुए कहा था कि एऩसीटीई ने बीएड पास अभ्यर्थियों को क्लास एक से पांच तक के शिक्षक पद पर नियुक्ति की मंजूरी दे दी है.


 2021 में हाईकोर्ट की बेंच ने राज्य सरकार को नियुक्ति प्रक्रिया जारी रखने की इजाजत दे दी थी. लेकिन मामले की सुनवाई कोर्ट में चलती रही. आज इस मामले पर हाईकोर्ट का फैसला आया. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि बीएड पास अभ्यर्थियों को प्राथमिक स्कूलों में टीचर नहीं बनाया जा सकता है. इसलिए इसकी मंजूरी बिहार में भी नहीं दी जा सकती.