तारापुर विधानसभा उपचुनाव : दिव्या प्रकाश नहीं होंगी उम्मीदवार, कुशवाहा कार्ड से चौंका सकते हैं तेजस्वी

तारापुर विधानसभा उपचुनाव : दिव्या प्रकाश नहीं होंगी उम्मीदवार, कुशवाहा कार्ड से चौंका सकते हैं तेजस्वी

PATNA : बिहार की सियासत पर धीरे-धीरे उपचुनाव का रंग चढ़ने लगा है। बिहार की 2 विधानसभा सीटों तारापुर और कुशेश्वरस्थान में उपचुनाव हो रहा है। 30 अक्टूबर को वोटिंग की तारीख है ऐसे में सभी राजनीतिक दल अब अपने उम्मीदवारों के जरिए रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। तारापुर विधानसभा सीट पर जेडीयू का कब्जा रहा है। पिछली दफे जेडीयू के मेवालाल चौधरी ने आरजेडी उम्मीदवार दिव्या प्रकाश को शिकस्त दी थी। दिव्या प्रकाश पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरजेडी के वरिष्ठ नेता जयप्रकाश नारायण यादव की बेटी हैं। तारापुर विधानसभा सीट को लेकर अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है लेकिन एक बात जो सामने आ रही है उसके मुताबिक जयप्रकाश नारायण यादव की बेटी दिव्या प्रकाश इस बार तरफ से आरजेडी की उम्मीदवार नहीं होंगी। दरअसल पार्टी सूत्रों के अंदर खाने से जो खबर आ रही है उसके मुताबिक के उपचुनाव वाली इस सीट को तेजस्वी यादव हर हाल में जीतना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने नई रणनीति के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है। 


1 अक्टूबर को तारापुर विधानसभा सीट के लिए अधिसूचना जारी होगी। 8 अक्टूबर तक के उम्मीदवारों को अपना नामांकन करना है। माना जा रहा है कि तारापुर विधानसभा सीट पर तेजस्वी अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा जेडीयू से चेहरा तय हो जाने के बाद करेंगे। दरअसल तेजस्वी यादव तारापुर सीट को लेकर बड़ी सधी हुई रणनीति के साथ काम कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो तेजस्वी इस बार नीतीश कुमार के सबसे सिर्फ वोट बैंक को ही साधने की तैयारी में हैं। नीतीश कुमार जिस लव-कुश समीकरण के बूते राजनीति करते हैं, उसी लव-कुश समीकरण को तेजस्वी इस बार तारापुर विधानसभा सीट पर चुनौती दे सकते हैं। तारापुर में कुशवाहा जाति से आने वाले वोटरों की तादाद सबसे ज्यादा है। यहां से लगातार इसी जाति के उम्मीदवार चुनाव जीत रहे हैं। ऐसे में तेजस्वी यादव इस बार यादव की बजाय किसी कुशवाहा को उम्मीदवार बना सकते हैं। एक बात जो पहले से तय है वह यह कि जेडीयू से उम्मीदवार कुशवाहा तबके से ही होगा। ऐसे में तेजस्वी यादव का मकसद यह है कि कुशवाहा वोटों में सेंधमारी कर यादव और बाकी जातियों का वोट गोलबंद किया जाए और जेडीयू को पटखनी दी जाए। 


तेजस्वी यादव की टीम के थिंकटैंक माने जाने वाले नेता इस पर लगातार काम कर रहे हैं। पूर्व मंत्री आलोक मेहता को इसके लिए एक खास जिम्मेदारी भी दी गई है। पार्टी अगर अपने उम्मीदवार का चेहरा सामने कर विरोधियों को चौंका दें तो इसमें बहुत अचरज की बात नहीं लेकिन फिलहाल आरजेडी अपने पत्ते नहीं खोलेगी। इंतजार जेडीयू के उम्मीदवार के सामने आने का हो रहा है जैसे ही जेडीयू का उम्मीदवार तय होगा, वैसे ही तेजस्वी अपना पत्ता खोल देंगे। चुनाव का नतीजा चाहे जो भी हो लेकिन तेजस्वी हर हाल में इस चुनाव के अंदर सोच समझकर कदम आगे बढ़ा रहे हैं।