GAYA: पितरों के मोक्ष के लिए गया में पिंडदान करने का खास धार्मिक महत्व होता। गया में पितृपक्ष मेला के दौरान लाखों की संख्या में लोग अपने पितरों के मोक्ष के लिए आते ही है, अन्य दिनों में भी पिंडदान करने वाले लोग बड़ी संख्या में गया पहुंचते हैं। इसी कड़ी में ताइवान से गया पहुंचे 6 विदेशी नागरिकों ने फल्गु नदी के तट पर अपने पितरों का पिंडदान किया।
ताइवान के नागरिकों ने मोक्षदायिनी फल्गु नदी के तट पर पूरे विधि विधान के साथ श्राद्ध कर्म की प्रक्रिया शुरू की और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना की शुरुआत कर अपने पितरों का पिंडदान किया। इस मौके पर पुरोहित रंजित लाल पाठक ने बताया कि ये लोग अपने पितरों के पिंडदान के लिए साल 2023 से ही गया पहुंच रहे हैं। पहले ये दो चार लोगों को लेकर आते थे लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ गई है।
पुरोहित ने कहा कि धीरे-धीरे पूरे विश्व में सनातन संस्कृति का विस्तार हो रहा है। यही कारण है कि दूसरे देशों से भी बड़ी संख्या में विदेशी लोग अपने पुर्वजों का पिंडदान करने गया पहुंच रहे हैं। अपने पूर्वजों के आत्मा की शांति के लिए ये लोग आते हैं। इनको हिन्दू सभ्यता से बहुत लाभ हो रहा है। वहीं चाइनीज गाइड गंगाधर ने बताया कि ताइवान के पर्यटक बीते 15 सालों से गया आ रहे हैं और यहां पिंडदान कर रहे हैं। यहां से पिंडदान कर जाते हैं तो वे बताते हैं कि गया में पुर्वजों का श्राद्ध करने से उन्हें बड़ा सुकून मिलता है।
उन्होंने बताया कि सभी ताइवानी पर्यटक गया के बाद वाराणसी, हरिद्वार और फिर ऋषिकेश होते हुए दिल्ली जाएंगे। वहां से फिर वे अपने वतन वापस लौट जाएंगे। विदेशी पर्यटकों ने बतया कि बेशक वे ताइवानी हैं लेकिन हिन्दू परम्परा में उनकी बड़ी आस्था है, इससे जीवन मे बड़ा सुकून मिलता है। पूर्व में जो ताइवानी गया में अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर चुके हैं वे शांतिमय जीवन व्यतीत कर रहे हैं।