MUZAFFARPUR: बिहार में फर्जीवाड़े के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इस बार स्वास्थ्य विभाग में फर्जीवाड़ा का खेल चल रहा था। स्वास्थ्य विभाग में फर्जी नियुक्ति पत्र देकर लगभग 12 लोगों से बिना सैलरी भुगतान के 5 साल से काम कराया गया। इसके लिए सभी ने 5-5 लाख रुपए घुस भी दिए थे। लेकिन जब एक महिला ने मंगलवार को सदर थाने में एफआईआर कराई, तब फर्जी बहाली की पोल खुली। महिला ने थाने में आवेदन देकर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। लगातार 5 साल तक काम करने पर भी जब सैलरी नहीं मिली तो ये कर्मी बहाली को लेकर खुद ही जांच में जुट गए। पता चला कि वे बिचौलियों के शिकार हुए हैं। साल 2016 से 2021 तक स्वास्थ्य विभाग में फर्जी लेटर हेड पर मुजफ्फरपुर समेत विभिन्न जिलों में पोस्टिंग हुई। बड़ा बाबू ने स्थानांतरण भी किया।
मंगलवार को ठगे जाने की जानकारी मिलने पर समस्तीपुर के बंगरा थाने के कुबौली राम निवासी कुमार गौरव की पत्नी रीना कुमारी ने यहां सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। मामला सामने आते ही पुलिस एक्शन में आ गई।
दिए गये आवेदन में रीना ने बताया कि वह नौकरी खोज रही थी। उनके पहले नरिचित मधुबनी के मधवापुर थाना अंतर्गत अंदौल के रहने वाले अवधेश ठाकुर उर्फ भिखारी ठाकुर और पटना के जक्कनपुर थाने के लक्ष्मी सागर कॉलोनी के रहने वाले गिरिजानंद पांडेय इनसे कांटेक्ट किया। कई लोगों को नौकरी दिलाने का दावा करते हुए प्रमाण पत्र मांगे। विश्वास होने पर रीना ने प्रमाण पत्र, 100-100 रुपए के सादा स्टांप पेपर के साथ कदी, बैंक खाते में और ऑनलाइन ट्रांसफर के जरिए 5 लाख रुपए दे दिए।