मुजफ्फरपुर में मनिका मन झील के पर्यटकीय संरचनाओं के विकास कार्य का मंत्री नीतीश मिश्रा ने किया शिलान्यास मधुबनी में 20 लाख की डकैती, बुजुर्ग दंपत्ति को बनाया बंधक, अपराधियों की तस्वीर CCTV में हुई कैद 13 साल से फरार कुख्यात नक्सली औरंगाबाद से गिरफ्तार, 100 से अधिक मामलों में पुलिस को थी तलाश प्रगति यात्रा का नया शेड्यूल जारी: 05 फरवरी को मुंगेर में CM देंगे बड़ी सौगात, किलकारी के बच्चे भी नीतीश चाचा को उपहार देने की कर रहे तैयारी बसंत पंचमी पर कला प्रतिभाओं को सौगात, अररिया-सिवान-शेखपुरा और नवादा में बनेगा अटल कला भवन पटना में बीच सड़क पर नाबालिग लड़की के साथ छेड़खानी, पीड़िता बोलीं..हवाई जहाज पर बिठाने का दे रहा था लालच, आरोपी गिरफ्तार बसंत पंचमी के अवसर पर T.C.H. एदुसर्व कोचिंग में मां सरस्वती की पूजा-अर्चना, संस्थान के छात्रों के मंगल भविष्य की कामना Earthquake in bikaner रविवार छुट्टी के दिन राजस्थान के बीकानेर में डोली धरती, घर से बाहर निकले लोग गुजरात में दर्दनाक हादसा, बस खाई में गिरने से 7 श्रद्धालुओं की मौत, 35 घायल Bihar Politics: ‘इस बार हमारे 4 नहीं 40 विधायक होंगे’ सीवान में VIP चीफ मुकेश सहनी का बड़ा दावा
15-Dec-2023 07:18 PM
PATNA: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा है कि उन्होंने दो दिवसीय इन्वेस्टर मीट कार्यक्रम में भाषण क्यों नहीं दिया? उन्होंने कहा कि नीतीश दो घंटे तक वहां रहे लेकिन एक शब्द नहीं कहा। निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए मुख्यमंत्री का संबोधन अनिवार्य था लेकिन उनके सलाहकारों ने बोलने से मना कर दिया था क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं फिर विधान मंडल में भाषण जैसा मुंह से कुछ न निकल जाए, जिससे सरकार की फजीहत हो जाए। कार्यक्रम में तेजस्वी यादव भी नहीं आए जबकि उद्योग विभाग राजद के कोटे में है। तेजस्वी यादव को तो मना किया गया क्योंकि उनको देखते निवेशकों को लालू राज की याद आ जाती है।
सुशील मोदी ने कहा कि बड़ी संख्या में इन्वेस्टर्स मीट में आए हुए निवेशकों पर दबाव डालकर MOU हस्ताक्षर करवाया गया ताकि किसी तरह 50 हजार करोड़ का आंकड़ा पहुंचा जा सके। SIPB से जिनका प्रस्ताव पहले ही स्वीकृत हो चुका है, पहले से जो विस्तारीकरण में लगे हैं, उन सबको MOU में शामिल कर लिया गया है। लोगों पर दबाव बनाया गया कि निवेश करना हो या न करना हो परंतु कुछ भी भर दीजिए। मुश्किल से 5 हजार करोड़ के भी गंभीर प्रस्ताव नहीं है।
उन्होंने कहा कि अदानी समूह को छोड़कर टाटा, बिरला, अंबानी, मित्तल जैसा कोई बड़ा समूह नहीं आया। बिहार के ही वेदांता समूह के अनिल अग्रवाल भी नहीं आए। बिहार के स्थानीय उद्योग संगठन की घोर उपेक्षा की गई। 2011 और 2016 की औद्योगिक नीति के तहत निवेशकों का करीब 800 करोड़ बकाया है। इसकी वसूली के लिए निवेशकों को अवमानना का मुकदमा करना पड़ रहा है, तब भी भुगतान नहीं मिल रहा है। बियाड़ा में रद्द की गई 1500 इकाइयों को पुनः बहाल किया जाए।
सुशील मोदी ने कहा कि विदेशों से आए प्रतिनिधियों में दो प्रकार के लोग थे। एक तो वह लोग थे जो जाड़े में छुट्टियां मनाने बिहार आते हैं। दूसरा राजनयिक थे जो हर राज्य के बुलावे पर पहुंच जाते हैं। निवेशकों का भरोसा नीतीश, लालू, राहुल पर से समाप्त हो चुका है। भाजपा की सरकार बनेगी तभी गंभीर निवेशक बिहार आएंगे।