PATNA : लालू परिवार से एक बार फिर उलझे बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी के फेसबुक पोस्ट पर गालीगलौज करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की तैयारी कर ली गयी है. छपरा के नगर थाने में इस बाबत FIR दर्ज करा दी गयी है. कुल 25 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. कहा गया है कि ये वो लोग हैं जो लगातार सुशील मोदी को सोशल मीडिया पर भद्दी भद्दी गालियां औऱ धमकी दे रहे हैं.
बीजेपी नेता ने दर्ज करायी FIR
सुशील मोदी के खिलाफ गाली गलौज करने वालों के खिलाफ FIR बीजेपी के नेता राणा यशवंत प्रताप सिंह ने दर्ज करायी है. उनकी शिकायत पर छपरा नगर थाने में कांड संख्या-281/21 दर्ज कर ली गयी है. राणा यशंवत प्रताप सिंह खुद को बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता बता रहे हैं. अपने FIR में उन्होंने कहा है कि सुशील कुमार मोदी बीजेपी के वरीय नेता औऱ सांसद हैं. उनके खिलाफ लगातार अभद्र औऱ अमर्यादित टिप्पणी की जा रही है, जो अपराध है.
पुलिस ने शुरू की जांच
एफआईआर में कहा गया है कि सुशील मोदी के हर सोशल मीडिया पोस्ट पर गाली गलौज किया जा रहा है. FIR में वीरेंद्र कुमार यादव, रंजन यादव, अमन खान, अमोद कुमार यादव, कृष्णा यादव समेत कुल 25 लोगों को अभियुक्त बनाया है. उनके खिलाफ आईटी एक्ट समेत दूसरी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है.
गौरतलब है कि बिहार सरकार ने पहले ही निर्देश जारी कर रखा है कि सोशल मीडिया पर जनप्रतिनिधियों औऱ अधिकारियों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करे. बिहार पुलिस के आर्थिक अपराध ब्यूरो के एडीजी ने सारे एसपी को पत्र जारी कर रखा है. लिहाजा छपरा में दर्ज हुए मामले में आऱोपितों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.
हम आपको बता दें कि सुशील मोदी फिर से लालू फैमिली से उलझ पड़े हैं. तेजस्वी यादव ने जब अपने सरकारी आवास को कोविड केयर सेंटर बनाने का ऑफर दिया था तो सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि वे उन अवैध संपत्तियों में भी अस्पताल खुलवायें जिन्हें उनके माता पिता ने कुर्सी पर रहते अर्जित किया था. मोदी ने कहा था कि लालू यादव की दो बेटियां एमबीबीएस पास हैं उन्हें भी कोविड के इलाज में लगना चाहिये. इसके बाद ट्विटर पर लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. रोहिणी आचार्य ने सुशील मोदी का मुंह थूर देने की चेतावनी दी थी जिसके बाद उनका ट्विटर अकाउंट भी सस्पेंड किया गया था. हालांकि बाद में फिर से उसे चालू कर दिया गया. लेकिन इस ताजा प्रकरण से सुशील मोदी लालू-तेजस्वी समर्थकों के निशाने पर आ गये हैं. उनके खिलाफ आऱजेडी समर्थकों द्वारा लगातार अभद्र टिप्पणी की जा रही है.