Surya Grahan 2024: आज लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, पढ़िए भारत में मान्य होगा सूतक काल या नहीं

Surya Grahan 2024: आज लगेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, पढ़िए भारत में मान्य होगा सूतक काल या नहीं

PATNA : आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। सूर्य ग्रहण को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना गया है। ज्योतिष शास्त्र में भी इसका विशेष महत्व होता है क्योंकि सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है। इसलिए जब भी सूर्य से जुड़ी कोई हलचल होती है तो उसका सीधा प्रभाव धरती पर रहने वाले जीवों पर पड़ता है। लिहाजा ऐसे में सूर्य ग्रहण को लेकर वैज्ञानिक ही नहीं, बल्कि ज्योतिष भी सचेत रहते हैं। 


दरअसल, साल का आखिरी सूर्य ग्रहण कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में लगने जा रहा है। साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर आज लगने जा रहा है। यह ग्रहण दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी भागों, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक, चिली, पेरू, होनोलूलू, अंटार्कटिका, अर्जेंटीना, उरुग्वे, ब्यूनस आयर्स, बेका आइलैंड, फ्रेंच पॉलिनेशिया महासागर, उत्तरी अमेरिका के दक्षिण भाग फिजी, न्यू चिली, ब्राजील, मेक्सिको और पेरू में कुछ जगहों पर दिखाई देगा। 


भारतीय समयानुसार, साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण आज लगने जा रहा है। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार आज रात 9 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा और इस ग्रहण का समापन 3 अक्टूबर की मध्यरात्रि 3 बजकर 17 मिनट पर होगा। इस सूर्य ग्रहण का मध्य समय रात 12 बजकर 15 मिनट पर होगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दृश्यमान होगा।  इसलिए, इसका सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा। यानी कि इस ग्रहण का देश पर भौतिक प्रभाव, आध्यात्मिक प्रभाव, सूतक का प्रभाव या किसी प्रकार का धार्मिक प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। 


इधर, इस ग्रहण के दौरान भारत में रहने वाले सभी लोगों के लिए सामान्य दिनचर्या होगी। शास्त्रों की मानें तो ग्रहण जहां लगता है और जहां दिखता है वहीं इसका प्रभाव भी पड़ता है। इसलिए, भारत में यह ग्रहण न दिखने के कारण इसका कोई भी प्रभाव भारतवासियों पर नहीं पड़ने वाला है। आज रात लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण दक्षिणी अमेरिका के उत्तरी भागों, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक, चिली, पेरू, होनोलूलू, अंटार्कटिका, अर्जेंटीना, उरुग्वे, ब्यूनस आयर्स, बेका आइलैंड, फ्रेंच पॉलिनेशिया महासागर, उत्तरी अमेरिका के दक्षिण भाग फिजी, न्यू चिली, ब्राजील, मेक्सिको और पेरू में कुछ जगहों पर दिखाई देगा।