DESK: तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट को लेकर टिप्पणी की थी। जिसके बाद शीर्ष अदालत की फटकार के बाद रेवंत रेड्डी बैकफुट पर आ गए हैं। उन्होंने अपने बयान के लिए सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है।
सीएम रेवंत रेड्डी ने बयान जारी कर कहा है कि भारतीय न्यायपालिका के प्रति मेरा सर्वोच्च सम्मान और पूर्ण विश्वास है। मैं समझता हूं कि 29 अगस्त को मीडिया में मेरे नाम से की गई टिप्पणियों से यह आभास हुआ है कि मैं न्यायालय के न्यायिक विवेक पर सवाल उठा रहा हूं, लेकिन यह दोहराता हूं कि मैं न्यायिक प्रक्रिया में दृढ़ विश्वास रखता हूं।
उन्होंने आगे कहा कि, मैं प्रेस रिपोर्टों में व्यक्त किए गए बयानों के लिए बिना खर्त खेत प्रगट करता हूं। मेरे नाम से की गई टिप्पणियों को संदर्भ से बाहर कर दिया गया है। न्यायपालिका और इसकी स्वतंत्रता के प्रति मेरे मन में बिना शर्त सम्मान और सर्वोच्च आदर है। मैं न्यायपालिका को सर्वोच्च सम्मान देता हूं और देता रहूंगा।
बता दें कि बीते 27 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग केस की आरोपी के. कविता को बेल दे दिया था। कविता के बेल के बाद रेवंत रेड्डी ने कहा था कि बीजेपी और बीआरएस के बीच लोकसभा चुनाव में हुई डील के कारण के. कविता को पांच महीने के भीतर ही बेल मिल गई है। रेवंत रेड्डी के इस बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने आपत्ति जताई थी।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई ने कहा था कि रेवंत रेड्डी एक संवैधानिक पद पर हैं इसके बावजूद उन्होंने बेहद गैरजिम्मेदाराना बयान दिया है। उन्होंने कहा था कि अदालत नेताओं से पूछकर नहीं बल्कि कानून के मुताबिक फैसला करता है। हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि हमारे फैसलों को लेकर कोई नेता या अन्य कोई व्यक्ति क्या कहता है।